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मनुवादी कुपरंपराओं और तिरस्कार के शिकार एवं तरस्त होकर देश के संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने आज के ही पवित्र दिन 14 अक्टूबर 1956 को अपने लाखों अनुयायियों के साथ हिंदू धर्म त्याग कर विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले तथागत भगवान महात्मा बुद्ध की शरण में जाकर बौद्ध धर्म को आत्मसात किया

मनुवादी कुपरंपराओं और तिरस्कार के शिकार एवं तरस्त होकर देश के संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने आज के ही पवित्र दिन 14 अक्टूबर 1956 को अपने लाखों अनुयायियों के साथ हिंदू धर्म त्याग कर विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले तथागत भगवान महात्मा बुद्ध की शरण में जाकर बौद्ध धर्म को आत्मसात किया था। आज का दिन बौद्ध धर्मावलंबी बड़े ही श्रद्धा और आदर के साथ धर्म दिवस के रूप में पूरे भारतवर्ष में समारोह पूर्वक मनाये जाने की परंपरा है। इस दिन तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित की जाती है। इस महत्वपूर्ण दिन को जमशेदपुर में स्थित बौध बिहार में धर्म दिवस का सफल आयोजन जमशेदपुर बोधी सोसायटी के तत्वाधान में संपन्न हुआ । भगवान बुद्ध को चाहने वाले अनुयायियों ने बौद्ध बिहार परिसर में एकत्रित होकर इस महत्वपूर्ण दिवस को परंपरा के अनुरूप विधिवत पूजा अर्चना एवं उपासना के साथ मनाया। इस मौके पर उपस्थित अनुयायियों ने बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ किया। इस पवित्र अनुष्ठान में मुख्य रूप से मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर पूर्व सांसद अजय कुमार ने उपस्थित होकर भगवान बुद्ध की चरणों में पूजा अर्चना कर बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर सभा को संबोधित करते हुए भगवान बुद्ध के द्वारा दिखाए गए विश्व शांति ,सद्भावना ,अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा का संदेश लोगों को दिया ।संविधान रचयिता बाबा साहेब के उच्च विचारों पर उनके सपनों का भारत बनाने में सहयोग करने की अपील की , उन्होंने कहा कि हमारा संविधान ही हमारे देश की अखंडता एकता को एक सूत्र में बांधने में कामयाब रहा है ।लोगों की उन्नति शिक्षा देश की प्रगति सुरक्षा सब संविधान में ही समाहित है जो केवल देश का ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा और लिखित संविधान है इसकी बहुत सारी विशेषताएं हैं । उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध और बाबा साहब के आदर्शों पर चलकर हम अपने देश के लोकतंत्र को और मजबूत बना सकते हैं। सभा में मौजूद बोधी सोसायटी के अध्यक्ष डॉ मनोज हूमे ने भी बाबा साहब अंबेडकर उनके आदर्शों उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला और उनको आत्मसात करके देश को मजबूती प्रदान करने की बात कही। कार्यक्रम के दौरान बौद्ध समाज सेवी- श्रवण दास, भंते- विशुधा नंदा, बौद्ध भिक्षु- रतन पाल, मंचासीन रहे । कार्यक्रम का संचालन -अवधेश कुमार ने किया वही धन्यवाद ज्ञापन -सुशील कुमार ने दिया । धर्म दिवस के शुभ अवसर पर मुख्य रूप से सुनील विमल , सुग्रीव मुखी ,मंथन ,गौतम बोस, शंभू मुखी डूंगरी, 18 मौजा के मांझी बाबा बिंदे सोरेन, रंजीत बास्के, रविंद्र प्रसाद ,विनोद कुमार, कैलाश रविदास, प्रकाश यादव, राजकुमार दास ,ढाडू हेंब्रम, जोगिंदर दास , विनोद राम, मोती चांद, भोला रविदास, एस के शर्मा, राजेश शर्मा शामिल होते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।