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मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत रसोईया-सह-सहायिकाओं के लिए राज्य य़ोजनान्तर्गत दिए जाने वाले अतिरिक्त मानदेय को लेकर 39 करोड़, 79 लाख 55 हजार रुपए व्यय करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी स्वीकृति

मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत रसोईया-सह-सहायिकाओं के लिए राज्य य़ोजनान्तर्गत दिए जाने वाले अतिरिक्त मानदेय को लेकर 39 करोड़, 79 लाख 55 हजार रुपए व्यय करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी स्वीकृति*

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत कार्यरत रसोईया-सह-सहायिकाओं को राज्य य़ोजनान्तर्गत दिए जाने वाले अतिरिक्त मानदेय को लेकर 39 करोड़, 79 लाख 55 हजार रुपए व्यय करने की स्वीकृति दे दी है. यह राशि वार्षिक दस माह के लिए है. ज्ञात हो कि केंद्र प्रायोजित इस योजना के अंतर्गत विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए मध्याह्न भोजन के तहत कार्यरत प्रत्येक रसोईया-सह-सहायिका को एक हजार रुपए मानदेय देने का प्रावधान है. इसमें केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत का अंशदान करती है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों के बलबूते इन्हें हर माह अतिरिक्त पांच सौ रुपए जोड़कर देती आ रही है. इस राशि में अब पांच सौ रुपए की बढ़ोत्तरी कर एक हजार रुपए कर दिया गया है. इस तरह सभी रसोईयों-सह-सहायिकाओं को प्रतिमाह दो हजार रुपए मानदेय मिलेगा. यह बढ़ोत्तरी एक अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी. इसका लाभ 79,591 रसोईया-सह-सहायिका को मिलेगा.
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*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से राज्य के सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा संभावित तीसरे लहर की रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित तैयारियों के संबंध में विचार-विमर्श करेंगे।*
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*रांची जिले के कांके अंचल अंतर्गत मौजा चामा, थाना संख्या 55, खाता संख्या 87, के प्लॉट संख्या 1232 में संधारित वर्ष 2018-19 में संदिग्ध जमाबंदी कायम करने के मामले में दोषी पदाधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्रवाई करने तथा इस भूमि की जांचोंपरांत जमाबंदी रद्द करने की कार्रवाई करने को लेकर राजस्व ,निबंधन और भूमि सुधार विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है. ज्ञात हो कि उक्त गैर मजरुआ मालिक प्रवृति की भूमि जिसका कुल रकबा 5.01 एकड़ है और यह प्रतिबंधित सूची में दर्ज है का संदिग्ध जमाबंदी करने के मामले में कांके के तत्कालीन अंचल अधिकारी प्रभात भूषण सिंह, तत्कालीन अंचल निरीक्षक चंचल किशोर प्रसाद और तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भुवनेश्वर प्रसाद सिंह के अलावा निबंधन करने के लिए रांची जिला के अवर निबंध राहुल कुमार चौबे,, अस्थाई लिपिक विमल चंद बोस और मो खालिद आजमी तथा कंप्यूटर ऑपरेटर दिलीप कुमार महतो औऱ शैलेश कुमार जांच में दोषी पाए गए हैं ।*
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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत पहले आंशिक लॉकडाउन एवं अभी किए जा रहे कड़ाई से हमें कोरोना के ख़िलाफ़ संघर्ष में बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। जीविका और जीवन के इस लड़ाई में हम पूरी सावधानी से दोनों को बचाने हेतु कार्य कर रहे हैं एवं ज़रूरत पड़ने पर कड़े फ़ैसले लेने से भी नहीं हिचक रहे हैं।शहरों में जहां हमें कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने में सफलता मिली है वहीं अब सरकार ज़्यादा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों को ज़्यादा से ज़्यादा सुरक्षित करने पर है।
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*उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर की वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा, ग्रामीण क्षेत्र में 45+ के वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता लाते हुए जनभागीदारी बढ़ाने के दिए निर्देश, कहा- ग्राम प्रधान, मांझी, परगनैत तथा अन्य जनप्रतिनिधि/पंचायत प्रतिनिधि का लें सहयोग*

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार ने आज वर्चुअल माध्यम से सभी सम्बन्धित पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में संचालित वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक के शुरुआत में एसडीएम धालभूम नीतीश कुमार सिंह द्वारा विषय प्रवेश कराते हुए जिले में 45+ वैक्सीनेशन में टर्न आउट, किन किन सेशन साईट पर लोग ज्यादा निकले तथा वैसे कौन से साईट है जहां लोगों की अभिरुचि वैक्सीन को लेकर कम देखी जा रही है इसका विस्तारपूर्वक ब्यौरा रखा गया साथ ही वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन में जिले की रणनीति के बारे में विमर्श हुआ। एसडीएम धालभूम ने बताया कि जमशेदपुर सदर व बहरागोड़ा प्रखंड में अब तक 45+ आयु वर्ग में टर्न आउट बढ़िया देखने को मिला है वहीं कुछ सेशन साईट में लोगों का टर्न आउट कम रहा है। इस बाबत जिला उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी गांव-गांव में मांझी, परगनैत, ग्राम प्रधान व स्थानीय जनप्रतिनिधि का सहयोग लेते हुए ग्रामीणों के बीच जागरूकता लाएं तथा वैक्सीन लेने के लिए प्रोत्साहित करें। इस कार्य मे विभिन्न धर्म गुरुओं को भी विश्वास में लेकर लोगों के बीच जाने का निर्देश दिया गया ताकि लोगों में जागरूकता आये तथा टर्न आउट बढ़े।
जिला उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को टारगेट गांव, टोला, मोहल्ला का पता होना चाहिए कि कहां वैक्सीनेशन का टर्न आउट कम रहा है, उन्होंने प्लान बनाते हुए टर्न आउट बढ़ाने के निर्देश दिये। जिला उपायुक्त ने कहा कि वैक्सीनेशन सेशन साईट को लेकर एक-दो दिन पहले से ग्रामीणों के बीच प्रचारित-प्रसारित करें। कौन-कौन पंचायत वैक्सीनेशन से कम कवर्ड(covered) हैं तथा उनमें से कौन-गांव कम कवर्ड(covered) हैं इसकी सूची जिला मुख्यालय को अतिशीघ्र समर्पित करने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया। उन्होंने कहा कि सिम्प्टोमैटिक(सर्दी, खाँसी व बुखार) लोगों को वैक्सीन देने से बचिए, वैसे व्यक्ति सेंटर पर पहुंचते भी हों तो कोविड सैम्पल लेते हुए आइसोलेशन में रहने का सलाह दें, जब कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं रहे तभी वैक्सीन दें।
जिला उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों में पर्याप्त मात्रा में पारासिटामोल व ओआरएस का पैकेट वितरित करना सुनिश्चित करें ताकि वैक्सीन लेने वालों को आवश्यकतानुसार बुखार, बदन दर्द, डिहाइड्रेशन जैसी शिकायत पर उपलब्ध कराया जा सके। उपायुक्त ने वैसे इंसिडेंट कमांडर व एमओआईसी जिनके पोषक क्षेत्र में कम RT-PCR जांच किये जा रहे उनपर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी इंसिडेंट कमांडर व एमओआईसी को प्रतिदिन के निर्धारित RT-PCR जांच का लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना लक्षण वाले व्यक्तियों के सर्वे हेतु किये जा रहे हाउस टू हाउस सर्वे कार्य की भी समीक्षा की गई। जिला उपायुक्त ने कहा कि सप्ताह में तीन दिन ब्लॉक टास्क फोर्स की समीक्षा वे खुद करेंगे ऐसे में सभी रिपोर्ट को दुरुस्त रखें तथा काफी संवेदनशीलता दिखाते हुए सर्वे कार्य को सम्पादित करें ताकि कोरोना का प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं हो सके। उपायुक्त ने कहा कि इस सर्वे कार्य से कोरोना संक्रमण रोकथाम में काफी मदद मिलेगी। प्रखंड स्तर पर कोविड केयर सेंटर, रैट जांच दल व सर्वे दल तथा सुलेखा एप में इंट्री की तैयारी को लेकर समीक्षा की गई। तथा 25 मई से 5 जून तक गांव गांव जाकर ग्रामीणों के रैपिड एंटीजन जांच को लेकर सिविल सर्जन और एमओआईसी को स्वास्थ्य सहिया, सेविका/सहायिका, बीटीटी, शिक्षक आदि को पंचायत सर्वे टीम में रखते हुए आवश्यक उपकरण (प्लस ऑक्सी मीटर, थर्मल स्कैनर, पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स) उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। सभी बीडीओ को ब्लॉक कंट्रोल रूम का फोन नम्बर पुनः सार्वजनिक करने का निर्देश के साथ ही 108 के अलावा दो अतिरिक्त एम्बुलेंस सभी प्रखण्ड में 24*7 तैयार रखने के निर्देश दिये।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त, एसडीएम धालभूम, सिविल सर्जन, एसीएमओ, डीआरडीए डायरेक्टर, डीपीओ, डीएसओ सह प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग, एसडीएम घाटशिला, सभी बीडीओ/सीओ, नगर निकाय पदाधिकारी, इंसिडेंट कमांडर, एमओआईसी शामिल हुए ।*
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*स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के गाइडलाइन का करें अनुपालन, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई- एडीएम लॉ एंड ऑर्डर*

स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन करें, इसके अनुपालन से कोविड-19 के संभाव्य प्रसार को रोकने में सफलता मिलेगी। गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी- यह बातें एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंद किशोर लाल ने कही। वे आज स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह के तहत कोविड गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन कराने को लेकर शहरी क्षेत्र के विभिन्न चेक नाकों का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने वाहन परिचालन करने वालों को रोकते हुए ई-पास की भी जांच की तथा स्पष्ट हिदायत दिया कि अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें। इस दौरान चेक नाकाओं में आगन्तुकों के पंजी संधारण की भी जांच की गई तथा सभी लोगों की इंट्री अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी और पुलिस बल को कोविड संक्रमण से अपना बचाव करते हुए जांच करने का निर्देश दिया गया साथ ही संक्रमण से बचाव हेतु मास्क, सैनिटाइजर का नियमित इस्तेमाल हेतु भी निर्देशित किया गया।
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*उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी ने 25-27 मई को साइक्लोन यास के जमशेदपुर से टकराने की सूचना पर पदाधिकारियों को अलर्ट मोड रहने हेतु निर्देशित किया, कहा- इमरजेंसी लाईट, जेनरेटर, शेल्टर हाउस की व्यवस्था रखें दुरुस्त, नगर निकाय/प्रखंड स्तर पर कंट्रोल रूम नम्बर एक्टिव करें, माइकिंग से लोगों को आगाह करने के दिये निर्देश*

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार ने 25-27 मई तक बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के कारण बने साइक्लोन यास के जमशेदपुर से टकराने की सूचना को लेकर पदाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने हेतु निर्देशित किया है । जिला उपायुक्त ने अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी तथा स्पेशल ऑफ़िसर नगरपालिका को इस बाबत दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कितनी क्षति होगी इसका आकलन हवा के बहाव के गति का पता चल पाने के बाद ही होगा, फिर से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन के तरफ से पूरी तैयारी होनी चाहिए। एनआरडीएफ की टीम भी आवश्यकतानुरूप मदद ली जाएगी।
*उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी द्वारा तैयारियों को लेकर निम्नांकित दिशा निर्देश जारी किए गए हैं-*
सभी जगह शेल्टर हाउस बना लें तथा वहाँ लोगों के रुकने और खाने पीने की व्यवस्था कर लें। गद्दा, दरी और इमर्जन्सी लाइट एवं जेनरेटर की व्यवस्था कर लें। साथ ही साथ हर सेंटर का एक नोडल ऑफ़िसर बनाते हुए अविलम्ब उनके मोबाइल नम्बर के साथ सूचित करें। सभी नोडल कम से दो अलग अलग नेट्वर्क के मोबाइल रखे ताकि इमर्जन्सी में सम्पर्क किया जा सके।
-प्रखंड कंट्रोल रूम की स्थापना करें और उसका नम्बर सार्वजनिक करें।
-शेल्टर हाउस और प्रखंड कंट्रोल रूम का फोन नम्बर 24 मई को पूर्वाह्न तक एक्टिव कर लें। नगर निकाय के पदाधिकारी को भी उक्त दिशा निर्देश दिये गए हैं।
-प्रखंड के सारे CHC, PHC तथा प्राइवेट हॉस्पिटल को तैयार रखें ताकि आकस्मिक स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाई जा सके। ड्रेसर की व्यवस्था कर के रखें।
-क्षेत्रवार बिजली विभाग को नोडल ऑफ़िसर प्रतिनियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
-पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस, गाड़ी, ममता वाहन तैयार रखें।
-माईकिंग करवाते हुए लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को लेकर जागरूक करें।
-गोताखोरों को तैयार रखें ताकि इमरजेंसी में मदद लिया जा सके।
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