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माननीय कोलकाता बेंच ने अगली सुनवाई सात मई को रखी है

आज 07.04.2021 को एनसीएलटी, कोलकाता बेंच में टायो रोल्स मामले की सुनवाई हुयी। आज टाटा स्टील की तरफ से एक अधिवक्ता ने यह कह कर चौंका दिया कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से बनाया गया रिजोल्यूशन प्लान गलत बना है क्योंकि यह रिजोल्यूशन प्लान तथाकथित रूप से टाटा स्टील की तथाकथित पचास एकड़ जमीन पर बना है। ज्ञातव्य है कि उक्त मामले में टायो रोल्स के निलंबित निदेशक मंडल की तरफ से बैंक को बैंक गारंटी के पैसे लौटाने के आदेश देने का आवेदन एनसीएलटी में लगाया गया है ताकि बैंक को लेनदारों की समिति में लाया जा सके और मजदूरों को उस समिति से हटाया जा सके। टीआरएल नाम की एक कंपनी, जिसके नये प्रोमोटर ने टाटा स्टील से दिसम्बर 2018 में टीआरएल के शेयर खरीदे हैं,ने एनसीएलटी में टायो रोल्स को 330 दिन की अधिकतम अवधि समाप्त हो जाने के आधार पर परिसमापन आदेश पारित कराने के लिए एक अलग आवेदन लगा रखा है। रिजोल्यूशन प्रोफेशनल अनीश अग्रवाल ने टायो रोल्स के पुनरूद्धार के लिए झारखंड बिजली वितरण द्वारा दी गयी रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी देने का आवेदन एनसीएलटी में लगा रखा है। मजदूरों ने लेनदारों की समिति में अपने बहुमत और समिति से झारखंड बिजली वितरण को निकालने के लिए आवेदन लगा रखा है।
आज की बहस में रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने मजदूरों द्वारा व्यवहार न्यायालय में दायर सर्टिफिकेट मामले में स्टे लगाने की मांग की। मजदूरों के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने एनसीएलटी बेंच में उक्त आवेदन का विरोध करते हुए कहा चूंकि वह मामला औधोगिक विवाद अधिनियम का है अतः इस माननीय बेंच को स्टे देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक किसी दिवानी कार्यवाही में नयी देनदारियों के उपाजित होने की संभावना नहीं हो तब तब सारे दीवानी मामले में एनसीएलटी स्टे नहीं दे सकती। एनसीएलटी अपनी बात पर अड़ी रही तब अधिवक्ता ने कहा कि आप मेरे विरोध को दर्ज कर लें। इसके बाद माननीय बेंच ने एक बेतुका स्टे पारित कर दिया जबकि धारा 14 के पारित मोरटोरियम आदेश अपने आप में एक स्टे है जिन पर यह आदेश लागू होता है।
इसके बाद अधिवक्ता ने माननीय बेंच से कहा कि उन्होंने एक्सप्रेशन ऑफ इन्ट्रेस्ट को रद्द करने की मांग की क्योंकि रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने फर्जीवाड़ा कर यह कहा है कि टायो रोल्स के पुनरूद्धार की संभावना सिर्फ 10% है। रिजोल्यूशन प्रोफेशनल टाटा स्टील का हितसाधक है वह यह मानता है कि जमीन टाटा स्टील की है जबकि टायो रोल्स की 350 एकड़ जमीन टायो रोल्स की रहेगी अगर इसका पुनरूद्धार हो गया और इसमें उन आदिवासियों की नौकरी बरकरार रहे जिन्होंने उधोग के लिए सरकार को जमीन दी थी या यह जमीन वापस उन पांच गांवों के आदिवासियों के पास चली जायेगी। उन्होंने कहा कि टायो रोल्स के लेखा परीक्षित तुलना पत्र में भी फर्जीवाड़ा है।
माननीय बेंच ने इसके बाद अगली सुनवायी 07.05.2021 को रख दी। मजदूरों की तरफ से बहस में अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया।