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लाख टके का सवाल, वोटिंग राइट रहेगा या जाएगा एडहॉक कमिटी ने झारखंड बार काउंसिल को लिखा पत्र

लाख टके का सवाल, वोटिंग राइट रहेगा या जाएगा
एडहॉक कमिटी ने झारखंड बार काउंसिल को लिखा पत्र

जमशेदपुर- जमशेदपुर के जिला बार एसोसिएशन के चुनाव प्रक्रिया चल रही है और इस बीच एडहॉक कमेटी के सदस्य एडवोकेट टी एन ओझा ने बिजली बिल बकाया रखने वालों की सूची झारखंड बर काउंसिल को भेज कर धमाका कर दिया है। अब यहां लाख टके का सवाल है कि बिजली बिल बकाया रखने वालों का वोटिंग राइट रहेगा अथवा नहीं?
बार काउंसिल के मॉडल रूल के अनुसार मतदान करने का पत्र वही होगा जिसके नाम पर कोई भी बकाया राशि नहीं होगी। यहां तो बकायेदारों में ऐसे नाम है जो उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में आए हैं और कुछ चुनाव पदाधिकारी के रूप में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है।
बकाया राशि का आलम यह है कि नौ हजार रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए की रकम बकाया है।
एडवोकेट टी एन ओझा ने कहा कि जिला चुनाव कमेटी को उक्त सूची उपलब्ध करा दी गई है। पूर्व में चुनाव पदाधिकारी रहे अधिवक्ता अर्जुन सिंह को भी उन्होंने सूची सौंपते हुए इस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उम्मीदवारों ने दस हजार रुपए जमा कर अंडरटेकिंग दी है परंतु अंडरटेकिंग में बाकी बकाया राशि कितने दिनों के अंदर भुगतान करेंगे, इसका कोई उल्लेख नहीं है।
अधिवक्ता टी एन ओझा ने बार काउंसिल झारखंड के चेयरमैन एवं वाइस चेयरमैन को बताया है कि 70 वकीलों को चैंबर दिया गया है और उनको अलग से बिजली का कनेक्शन भी दिया गया है उनसे बिजली बिल वसूल कर बिजली आपूर्ति कर्ता एजेंसी जिसको राशि दी जाती है। लेकिन दुर्भाग्य है कि 2015 से बिजली बिल की राशि वसूल करने में अनदेखी की गई या यह कहा जाए कि कुछ चैंबर धारकों ने जानबूझकर बिल का भुगतान नहीं किया है।
अधिवक्ता टी एन ओझा के अनुसार एडहॉक कमेटी बनने के साथ ही उन्होंने बिल का भुगतान लेने के लिए लगातार नियमित रूप से प्रयास किया परंतु असफल रहा क्योंकि इसकी अनदेखी की जाती रही। इससे बार एसोसिएशन को आर्थिक रूप से क्षति पहुंच रही है। इधर चैंबर धारक बेधड़क बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे बार एसोसिएशन के सदस्यों में आक्रोश है। इसके साथ ही झारखंड बार काउंसिल से आग्रह किया गया है कि वह मॉडल रूल के तहत चुनाव समिति को चुनाव संचालित करने का आदेश जारी करें। बार काउंसिल को इस दिशा में अति शीघ्र निर्णय लेना चाहिए क्योंकि चुनावी प्रक्रिया चल रही है।