झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

क्यों मस्ती में सरकार?

क्यों मस्ती में सरकार?
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क्या मंदा है व्यापार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
क्यों मस्ती में सरकार, अरे रे रे बाबा ना बाबा

जितने भी तेरे वादे थे, कुछ झूठे तो कुछ आधे थे
लोगों ने जिसको सच माना, क्योंकि वो सीधे साधे थे
मत और करो लाचार, अरे रे ये बाबा ना बाबा
क्यों मस्ती में सरकार—–

तुम लोगों को भरमाते हो और ताकत पे इतराते हो
जो भी विरोध तेरा करता तुम जेल उसे भिजवाते हो
क्या उचित है अत्याचार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
क्यों मस्ती में सरकार—–

ऐ भारतवासी अब जागो, कर्त्तव्य छोड़कर मत भागो
हक पाने को लड़ना होगा, तू व्यर्थ में जीवन मत त्यागो
फिर माँग सुमन अधिकार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
क्यों मस्ती में सरकार—–

श्यामल सुमन