
राँची- आज मानसून सत्र के शून्यकाल में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने तख्त हरमंदिर साहेब की पन्द्रह सदस्यीय समिति में झारखण्ड का स्थान सुरक्षित करने का मामला विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाया और सभा अध्यक्ष से इस बारे में सरकार को संज्ञान लेने का निर्देश देने का आग्रह किया।

दसवें सिख गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली पटना साहेब में स्थित तख्त हरमंदिर जी का प्रबंधन पन्द्रह सदस्यीय समिति करती है। इसका संचालन 1955 में बने संविधान और नियमावली के तहत होता है। प्रबंधन समिति में अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली सहित उत्तर एवं दक्षिण बिहार का प्रतिनिधित्व है। बिहार का पुनर्गठन होकर झारखण्ड राज्य बना है।
अभी तक दक्षिण बिहार के साथ झारखण्ड था दक्षिण बिहार और झारखण्ड का संयुक्त प्रतिनिधित्व तख्त हरमंदिर साहेब के प्रबंधन की पन्द्रह सदस्यीय समिति में रहता था
परन्तु अब यह साजिश हो रही है कि झारखण्ड को दक्षिण बिहार के प्रतिनिधि से अलग कर दिया जाय और इसके लिए तख्त हरमंदिर समिति के संविधान में संशोधन किया जाय। जबकि दक्षिण बिहार में केवल 15 गुरूद्वारा है और झारखंड में 120 के करीब गुरूद्वारा है। इस तरह झारखण्ड को प्रतिनिधित्व से वंचित करने की साजिश चल रही है। जब अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली के सिख प्रतिनिधि तख्त हरमंदिर साहेब की पन्द्रह सदस्यीय समिति में है तो झारखण्ड को इसमें प्रतिनिधित्व नहीं देना कहीं से भी उचित नहीं है।
श्री राय ने विधानसभा में सरकार से माँग किया है कि बिहार की सरकार के साथ वार्ता कर तख्त हरमंदिर साहेब प्रबंधन समिति में झारखण्ड का स्थान सुरक्षित करायें।

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