कोर्ट फी मे बढ़ोतरी के विरुद्ध राज्य के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से अलग रहकर चट्टानी एकता दिखाई: राजेश शुक्ल
झारखण्ड स्टेट बार कौंसिल के वाइस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा है कि राज्य मे कोर्ट फी मे बढ़ोतरी के विरुद्ध झारखंड स्टेट बार कौंसिल के आहवान पर आज पुरे राज्य में जिस प्रकार अधिवक्ता न्ययिक कार्य से अलग रहे उससे राज्य सरकार को अधिवक्ताओं और लोगों की भावनाओं को समझ कर कोर्ट फी मे बढ़ोतरी के निर्णय को वापस ले लेना चाहिए।
श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के भी राष्ट्रीय महामंत्री है ने कहा है की कौंसिल के आहवान पर पुरे राज्य के अधिवक्ताओं ने चट्टानी एकता का परिचय देकर आज न्ययिक कार्य से अपने को अलग रखा।क्योकि इस बढ़ोतरी में स्टेट बार कौंसिल और राज्य के विभिन्न स्तर के अधिवक्ता संघो से सरकार ने कोई परामर्श नही किया था। जिससे अधिवक्ताओं में आक्रोश है।
श्री शुक्ल ने कहा है की पुरे राज्य में अधिवक्ताओं ने जुलूस निकाला सभाओं का आयोजन किया और ज्ञापन भी राज्य सरकार के अधिकारियो को सौपा। राज्य सरकार को अविलंब कोर्ट फी बढ़ोतरी को वापस लेना चाहिए ताकी गरीब और कमजोर वर्ग के लोंग आर्थिक रुप से पिछड़े लोग कम खर्च में न्याय पा सकें।
उन्होने राज्य सरकार से अविलंब राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने तथा राज्य के बजट में अधिवक्ता कल्याण के लिए दुसरे राज्यों की तरह बजट में निधि आवंटन का भी आग्रह किया है जो राज्य सरकार के पास लम्बित है।
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