झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

कलम सदा मरहम जनता की

कलम सदा मरहम जनता की
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गोरा था, अब काला दिखता
मत पाकर मतवाला दिखता

सीधे सादे लोग जहां पर
उनको वहीं मशाला दीखता

सिखलाया पहले उदारता
अब दिल पे ही ताला दिखता

क्यों बेदिल के रूप सुनहरे
बदसूरत दिलवाला दिखता

भूखे को भगवान मिले जब
उनको यार निवाला दिखता

कलम सदा मरहम जनता की
बिक जाने पर भाला दिखता

जब सवाल तीखे शासक से
सचमुच सुमन उजाला दिखता

श्यामल सुमन