झारखण्ड वाणी

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कलाजार मुक्त समाज निर्माण में जुटा स्वास्थ्य विभाग

  • बीमारी खोज के लिए गठित टीम घर-घर दे रही दस्तक
  • प्रभावित इलाके के 2250 घरों में मरीजों की होगी खोज

लखीसराय,अजय कुमार। कलाजार मुक्त समाज निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह कटिबद्ध है और इसके लिए पूरी मुस्तैदी के साथ कालाजार मरीजों की खोज में जुट गया है। जिससे कि ससमय उक्त रोग से पीड़ित मरीजों की पहचान और समुचित इलाज हो सके। दरअसल स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य ही 2020 तक पूर्ण रूप से कलाकार मुक्त समाज निर्माण का है। जिले के मुख्य रूप से प्रभावित इलाके में ऐसे मरीजों की खोज के लिए विभाग ने टीम गठित किया है। जिसमें आशा एवं आशा फेसीलीटेटर को शामिल किया है। जो घर-घर दस्तक देकर ऐसे मरीजों की खोज करेंगी। गठित टीम जिले के प्रभावित इलाके के 2250 घरों में दस्तक देकर 9000 लोगों की आबादी में मरीजों की खोज करेंगी। जिसमें जिले के सूर्यगढ़ा, लखीसराय एवं पीपरिया पीएचसी के अंतर्गत विभिन्न गाँव शामिल हैं।

जागरूकता के लिए की जा रही है माइकिंग
लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इलाके में माइकिंग कराई जा रही है। जिसके माध्यम से गठित टीम के सदस्य लोगों को उक्त बीमारी का पहचान एवं लक्षण की जानकारी दे रहे हैं। ताकि लोगों को ससमय बीमारी की जानकारी मिल सकें और लोग समय पर इलाज करा सकें।

कर्मियों को दी जा चुकी है प्रशिक्षण

गठित टीम को प्रचार-प्रसार के लिए पूर्व में विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ताकि लोगों को टीम द्वारा बेहतर तरीके के साथ आसान और स्थानीय भाषा में जानकारी दी सके और लोगों को भी समझने में आसान हो।

मरीजों की खोज के तेजी लाने का दिया गया है निर्देश

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रक पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मरीजों की खोज में गठित टीम को गति लाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि कालाजार धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी है जो मादा फ्लैबोटामस अर्जेंटाइप्स (बालू मक्खी) के काटने से होता है। मक्खी के काटने के 15 से 20 दिन बाद व्यक्ति में कालाजार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्हें बार-बार बुखार आने लगता है। इसके साथ-साथ भूख में कमी, वजन का घटना, थकान महसूस होना, पेट का बढ़ जाना आदि इसके लक्षण के रूप में दिखाई देने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति को तुरंत नजदीक के अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। ठीक होने के बाद भी कुछ व्यक्ति के शरीर पर चकता या दाग होने लगता है। ऐसे व्यक्तियों को भी अस्पताल जाकर अपनी जांच करानी चाहिए।

मरीजों को आर्थिक सहायता का मिलेगा लाभ

कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दिया जाता है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं।