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खजाने की तलाश में खुदाई कर रहे झारखंड के ग्रामीण

धनबाद। ‘जमीन के नीचे खजाना है। एक दम चमत्कारी खजाना। इस खजाने के हासिल होते ही पूरा गांव मालामाल हो जाएगा।’ यह बात कोलकाता से तीन महीने पहले धनबाद जिले के राजगंज थाना क्षेत्र पहुंचे अपने को सिद्ध बताने वाले आदमी ने गंगापुर के ग्रामीणों को बताई। इतना ही नहीं कथित रूप से सिद्ध आदमी ने खजाने की खुदाई का तरीका भी बताया-मशीन से नहीं हाथ से खुदाई होनी चाहिए। खजाने की जानकारी देने के बाद आदमी चला गया। इसके बाद से ग्रामीणों के मन में खजाने की बात इस कर पैठ कर गई कि वह महीनों मंथन करने के बाद जमीन की खुदाई में जुट गए। कई दिनों तक चली खुदाई के बाद पुलिस प्रशासन को जानकारी मिली तो वह हरकत में आई। खुदाई रोक दी गई है। लेकिन, ग्रामीणों के मन खजाने की बात अब भी बैठी हुई है। वह हर हाल में खजाने को हासिल करना चाहते हैं। हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कोलकता के आदमी ने सही बात बताई या ग्रामीणों को बेवकूफ बनाकर चला गया।

चार दिन पहले शुरू हुई खजाने की तलाश में खुदाई 

गंगापुर में रानीबांध तालाब के समीप  ग्रामीणों  ने चार दिनों पहले खुदाई शुरू की। इस दाैरान लोगों की भीड़ जुटी रहती। शनिवार तक गांव वालों को खजाना हासिल करने में सफलता नहीं मिल पाई है। खुदाई का काम एक सिंडिकेट करा रहा है। उसे भरोसा है कि यहां कीमती पत्थरों का खजाना है। करीब एक दर्जन ग्रामीण युवक खुदाई करने में लगे हैं। उनको दैनिक मजदूरी दी जाती है। हालांकि इस खुदाई के लिए कोई अनुमति भी जिला प्रशासन से नहीं ली गई है। खुदाई में धनबाद के भी लोग शामिल हैं। मॉनिटरिंग कोलकाता का एक व्यक्ति कर रहा है। खुदाई कर रहे ग्रामीण उसका नाम भी नहीं जानते।  धनबाद के कई लोग गुप्त रूप से खुदाई की प्रगति देख मजदूरी का भुगतान कर रहे हैं।

क्या है मामला

ग्रामीणों के मुताबिक करीब तीन माह पूर्व कोलकाता से एक व्यक्ति गांव आया था। लिलोरी मंदिर के आसपास जंगलों में घूमा। ग्रामीणों को बोला कि यहां अमूल्य वस्तु है। उसने कहा था कि एक चमकीला पत्थर यहां की जमीन में है। उस व्यक्ति के पास एक मशीन थी। जैसे रानी तालाब के समीप उस मशीन से आवाज आई थी। उसका कहना था कि यहीं खजाना है। उसने खुदाई के लिए पैसे दिए व कहा कि इस काम में किसी भी प्रकार की मशीन (जेसीबी) नहीं लगनी चाहिए। उसके बाद चला गया। अब ग्रामीण बारिश में भी प्लास्टिक लगाकर जमीन की खुदाई कर रहे हैं। हालांकि अभी तक सिर्फ सामान्य पत्थर ही मिले हैं।

राजपरिवार को दी गई सूचना

जमीन की खुदाई करने के पूर्व ग्रामीणों की बैठक हुई। कतरास राज परिवार को पूरे मामले की सूचना दी गई। राजा की जमीन की देखरेख करनेवाले लक्ष्मणपुर के लोगों को भी इस बात से अवगत कराया गया। जिस जगह जमीन की खुदाई की जा रही है, वह जमीन गैर आबाद है। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस शुक्रवार को मौके पर पहुंची थी, लेकिन काम में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। ग्रामीणों के मुताबिक खुदाई करवाने वाले का नाम वे नहीं जानते। न ही देखरेख करनेवाले धनबाद के लोगों का ही नाम जानते हैं। शनिवार को पुलिस ने खुदाई का काम रोकवा दिया। राजगंज थानेदार चंदन कुमार ने बताया कि लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर खुदाई कर रहे हैं। पुलिस मामले पर नजर रखे हुए है।

जिस जगह बहुमूल्य पत्थर की बात कही जा रही है, वहां कोई खजाना नहीं है। चमकीले पत्थर, यथा हीरा-पन्ना आदि यहां जमीन के नीचे नहीं हैं। सैंड स्टोन में भी अभ्रक का अंश हो तो वह चमकता है। पर उसका व्यावसायिक उपयोग नहीं हो सकता।  बावजूद इसके यह खनन विभाग की जानकारी के बगैर खुदाई की जा रही है। यह अवैध है। इसकी जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। -अजीत कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, धनबाद