कहाँ खो गया भारतवासी?
********************
इस माटी का कण-कण पावन।
नदियाँ, पर्वत लगे सुहावन।
मिहनत करते लोग मिलेंगे, चलता रहता योग यहाँ।
नीति गलत दिल्ली की होती, रोते कितने लोग यहाँ।।
ये पंजाबी, वो बंगाली।
मैं बिहार से, तू मद्रासी।
जात-पात में बँटे हैं ऐसे,
कहाँ खो गया भारतवासी?
हरित धरा और खनिज सम्पदा का अनुपम संयोग यहाँ।
नीति गलत दिल्ली की होती, रोते कितने लोग यहाँ।।
मैं अच्छा हूँ, गलत है दूजा।
मैं आया तो अबके तू जा।
परम्परा कुछ ऐसी यारो,
बुरे लोग की होती पूजा।
ऐसा लगता घर घर फैला, ये संक्रामक रोग यहाँ।
नीति गलत दिल्ली की होती, रोते कितने लोग यहाँ।।
सच्चाई का व्रत-धारण हो।
एक नियम का निर्धारण हो।
अवसर सबको मिले बराबर,
नहीं और फिर आरक्षण हो।
काश! सुमन सब मिल कर पाते, सभी सुखों का भोग यहाँ
नीति गलत दिल्ली की होती, रोते कितने लोग यहाँ।।
श्यामल सुमन
सम्बंधित समाचार
*भालूबासा मुखी समाज के नवनिर्वाचित मुखिया पोरेश मुखी एवं महामंत्री मुजीम मुखी से पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने की मुलाकात विजयी होने पर दी बधाई एवं शुभकामनाएं*
सोनारी कागलनगर k21 फैमिली रेस्टोरेंट में रिमझिम सावन उत्सव पूरे हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ महिलाओं ने मनाई
श्री श्री सार्वजनिक दुर्गापूजा कमेटी बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर 4 स्थित दुर्गापूजा मैदान में बागबेड़ा कॉलोनी दुर्गापूजा कमेटी की एक बैठक संपन्न हुई