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कंटेनमेंट जोन और ‘कोविड कर्फ्यू’ पर करें फोकस : पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा

*गोड्डा में हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के उदघाटन में भिड़े भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव, खूब हुई हाथापाई*

*सिदगोड़ा से नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले नाना को पुलिस ने भेजा जेल, जैप-6 से सेवानिवृत्त है आरोपी*

*कोविड-19 बुलेटिन: रांची से मिले 858 पोजिटिव मामले, पूरे झारखण्ड में 1882 नए पॉजिटिव मामले, इसके साथ ही झारखण्ड में कुल 132790 पॉजिटिव केस, 9249 सक्रिय मामले, 122383 ठीक, 1158 मौतें हुई हैं*

*कंटेनमेंट जोन और ‘कोविड कर्फ्यू’ पर करें फोकस : पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा*

नई दिल्ली : :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना को लेकर बैठक की.पीएम मोदी ने कहा कि लोग जरूरत से ज्यादा लापरवाह हो गए हैं. उन्होंने लोगों से कोरोना से जुड़े व्यवहार का पालन करने की अपील की है. पीएम मोदी ने कहा है कि वे ज्यादा मामले आने को लेकर घबराएं नहीं. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की टेस्टिंग बढ़ने के कारण ऐसा होगा, लेकिन रास्ता यही है. लिहाजा टेस्टिंग को हल्के में नहीं लें. कुल जांच में 70 फीसदी आरटीपीसीआर टेस्ट का मानक है, लेकिन टेस्टिंग रेट बढ़ाकर ही पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से नीचे लाया जा सकता है. 
कई जगहों पर आरटीपीसीआर टेस्ट सही ढंग से नहीं किए जाने की जानकारी भी सामने आई है. पीएम मोदी ने चिंता जताई कि पिछली कोरोना लहर के सबसे ज्यादा मामलों का आंकड़ा हम पार कर गए हैं, कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. दुनिया भर के देशों ने वैक्सीनेशन के लिए जो मापदंड तय किए हैं, वैसे ही मापदंड भारत में भी हैं. आप चेक कर लीजिए जो वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध है हमें उसे प्राथमिकता देनी होगी. वैक्सीन की बर्बादी रोकना जरूरी है. 
पीएम मोदी ने 45 साल से अधिक उम्र से अधिक लोगों का टीकाकरण बढ़ाने के लिए जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा, क्या हम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को देखते हुए 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव मना सकते हैं. इस दौरान हम ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को वैक्सीन दें और एक भी खुराक की बर्बादी नहीं होने दें.
पीएम मोदी ने अपील की कि कोविड-19 को लेकर लोग हड़बड़ाने की स्थिति में आ चुके हैं. लेकिन इस वजह से जमीन पर कहीं भी सुस्ती नहीं आने देने चाहिए. मृत्यु दर कम से कम रहे इस पर हमें जोर देना है. हमारे पास हर पोर्टल पर कोरोना से हुई मौतों का विश्लेषण होना चाहिए कि किस मरीज को किस तरह की बीमारी थी और क्या लक्षण थे.*