झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सदस्यता बहाली पर सरायकेला खरसावां ज़िला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष अंबुज कुमार ने हर्ष व्यक्त किया है

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सदस्यता बहाली पर सरायकेला खरसावां ज़िला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष अंबुज कुमार ने हर्ष व्यक्त किया है

सरायकेला खरसावां – अंबुज कुमार ने कहां की सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने आज राहुल गांधी की सदस्यता को बहाल करने का फैसला लिया है यह अत्यंत सराहनीय और लोकतांत्रिक मूल्यों की असत्य पर सत्य की विजय है
घटनाक्रम ने मोदी सरकार के लोकतंत्र विरोधी चाल, चरित्र और चेहरा को उजागर करने का काम किया है
इस फैसले ने एक बार फिर से साबित किया है की लोकतंत्र के महत्वपूर्ण चारों स्तंभों को जिस प्रकार मोदी सरकार अपने कब्जे में रखकर मन माफिक फैसला करवाना, निर्णय थोपना चाहती है वह आज कहीं ना कहीं मोदी के चंगुल से आजाद होना चाहता है
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के साथ ही लोकसभा के अंदर देश के गरीबों, पिछड़ों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों, शोषित ,पीड़ित, वंचित , महिलाओं ,बेरोजगारों नौजवानों की आवाज फिर से मुखर होकर गूंजेगी
भले ही कुछ देर हुई परंतु देश के अंदर राहुल गांधी के रूप में सशक्त सूर्य की किरणें राष्ट्र वासियों को प्रकाशमान करने का कार्य करेगी। मोदी हो या कोई और देश में तानाशाह का भविष्य देर तक सुरक्षित नहीं रहेगा आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को देश की जनता पूरी ताकत के साथ परास्त करेगी।

*राहुल गांधी की सजा पर रोक सत्य और न्याय की जीत: गंभीर प्रसाद सिंह*

‘मोदी उपनाम’ से संबंधित टिप्पणी के मामले में कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर सुप्रीमकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के आदेश का स्वागत करते हुए सरायकेला खरसावां ज़िला उपाध्यक्ष गंभीर प्रसाद सिंह ने कहा कि यह सत्य और न्याय की जीत हुई है, राहुल गाँधी देश की जनता की आवाज है जिसे केंद्र सरकार चाहे जितनी भी षड्यंत्र कर ले दबा नहीं सकती है!
गौरतलब है कि अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीमकोर्ट ने मोदी उपनाम से जुड़ी टिप्पणी को लेकर 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगा दी है
गंभीर प्रसाद सिंह ने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र को समर्पित है, राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का देश की जनता स्वागत करती हैं.
यह सत्य की जीत है, विश्वास की जीत है, दृढ़ निश्चय और आत्म सम्मान की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, न्याय की जीत है, अब स्पष्ट है कि कोई भी तानाशाही ताकत जनता की आवाज को दबा नहीं सकती। नफरत, डर और अन्याय के विरुद्ध अब इंडिया की आवाज बुलंद हो रही है।