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कांड्रा में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का धंधा का मामला का पर्दाफास हो चुका है कांड्रा थाना के पूर्व एस आई रणधीर कुमार की भी मिलीभगत की संलिप्तता प्रमाणित हो चुकी है

सरायकेला खरसावां जिला के कांड्रा में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का धंधा का मामला का पर्दाफास हो चुका है कांड्रा थाना के पूर्व एस आई रणधीर कुमार की भी मिलीभगत की संलिप्तता प्रमाणित हो चुकी है कांड्रा निवासी कंचन देवी ने कांड्रा थाना में चौदह मई 2018 को लिखित शिकायत दिया था कि उनसे रेलवे की नौकरी दिलवाने के नाम पर कांड्रा रेलवे कॉलोनी निवासी अर्जुन प्रधान , सुधांशू चौधरी और उत्तम प्रधान जो कि महलि मोरूप का रहने वाला है साथ ही जानकार सूत्रों के अनुसार उत्तम प्रधान अर्जुन प्रधान का साला है रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख सत्तर हजार की ठगी की गई है जिसका की प्रार्थिमिक संख्या 39/18 है दिनांक 2/8/2018 है भादवी की धारा 419/420/120बी लगा है,लेकिन उक्त केस में अर्जुन प्रधान का नाम का जिक्र ही नहीं किया गया है तत्कालीन एस आई रणधीर कुमार के द्वारा उसे बचाया गया है उस वक्त रणधीर कुमार थाना प्रभारी के काफी करीबी थे शिकायतकर्ता का कहना है जब साजिशकर्ता अर्जुन प्रधान ही है वही बताया कि मेरा साला उत्तम प्रधान रेलवे में नौकरी लगाता है,और उत्तम प्रधान से भेंट कराया,और उत्तम प्रधान ने सुधांशू चौधरी से मिलवाया जो कि उसके गांव में रहता है लेकिन राँची में रहता है यह कहकर मिलवाया और तीन बार में तीन लाख सत्तर हजार की ठगी की उक्त तीनों नामजद आरोपी ने मिलकर कंचन देवी से ठगी की और प्राथमिकी दर्ज होने के वाबजूद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई यह भी एस आई की मिली भगत का प्रमाण है,आज तक अपराधी बेख़ौप घूम रहे हैं यह आरोपी गलत ढंग से सांसद लक्ष्मण गिलुआ का लेटर पैड,गार्डनरिच कोलकता का लेटर और बैंक ऑफ इंडिया का चेक जो बाउंस किया हुआ है,सूत्रधार अर्जुन प्रधान का जिसका नाम प्राथमिकी में दर्ज है उसको बचाया गया जबकि संलिप्त तीनों आरोपी को साजिश करने और ठगी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया जाना चाहिए था लेकिन एस आई रणधीर कुमार की भी संलिप्तता की जांच कर करवाई करने की जरूरत है किस आधार पर अर्जुन प्रधान का नाम प्राथमिकी से हटाया गया और क्यों? इस मामले की जांच उच्चस्तरीय अधिकारियों के द्वारा करायी जानी चाहिए जिससे सभी आरोपी और प्राथमिकी को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के मामले में जो अधिकारी संलिप्त हैं उन सभी आरोपी को जेल के सलाखों में रहने की जरूरत है जिससे कोई और दूसरे व्यक्ति ठगी के शिकार न हो जाएं