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कांड्रा में एक जनवितरण प्रणाली की दुकान चलाने वाले शिशु पाल वार्ष्णेय की मृत्यु विगत मंगलवार रात्रि में फांसी लगाकर होने की खबर सनसनी जनक है

सरायकेला खरसावां – सरायकेला जिला अंतर्गत कांड्रा में एक जनवितरण प्रणाली की दुकान चलाने वाले शिशु पाल वार्ष्णेय की मृत्यु विगत मंगलवार रात्रि में फांसी लगाकर होने की खबर सनसनी जनक है ज्ञात हो की बांध कुली में मृतक शिशु पाल की जनवितरण प्रणाली की दुकान थी उम्र करीब अस्सी वर्ष रहा होगा, उनकी पत्नी पूर्व में ही मर चुकी थी,उनको एक बेटी थी शादीसुदा बुधवार को उनके छोटे भाई विजय वार्ष्णेय को किसी ने खबर दी की आपका भाई फांसी के फंदे पर लटक रहा है सुनते ही उनका बेटा यानी शिशु पाल का भतीजा डॉलू ने घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा उनका शरीर पंखे से लटक रहा है,और उनका एक दरवाजा खुला है और दूसरा दरवाजा बंद है,बता दें की स्व. शिशु पाल बीडीओ कॉलोनी कांड्रा में भाड़े के घर में रहता था प्राप्त जानकारी के अनुसार कोई ऐसा कारण नही दिख रहा था की उनको आत्म हत्या करने की जरूरत पड़े उनके दुकान के उपभोक्ताओं को भी उनसे कोई शिकायत नहीं थी वैसी कोई खबर नहीं है हां पूछताछ के सिलसिले में यह बात सामने आई की उनको डीलर के द्वारा अनाज काट कर दिया जाता था जिस कारण से उनको पिछले महीने चालीस हजार रु की अनाज खरीद कर बांटना पड़ा था ऐसा यदि किया गया है तो जिस डीलर के द्वारा उनको अनाज कम दिया जाता था ऐसा है तो यह एक उत्पीड़न का और आत्महत्या करने को मजबूर करने का मामला बनता है पूछताछ में किसी और से यह भी पता चला है कि किसी दुकानदारों द्वारा मृतक के बारे में यह भी विभाग में शिकायत किया गया है कि अब यह राशन देने योग्य नहीं है, यदि ऐसा शिकायत है तो किसी और दुकानदार को ऐसा कहने का हक नहीं है इस तरह की अगर कोई बात और शिकायत होती तो इनके उपभोक्ताओं के द्वारा शिकायत किया जाना चाहिए था, यह भी मामला उत्पीड़न का है,अक्सर देखा गया है कि आत्म हत्या करने वाले अपनी दरवाजा खिड़की को अंदर से बंद करके ऐसा करते हैं लेकिन इस जगह पर ऐसी कोई बात नही है दरवाजा खुला हुआ था मृतक द्वारा एक डायरी में यह भी लिखा होने की खबर प्राप्त है की मेरे पैंट में सात हजार रु रखा है,खोजने से वे रू भी प्राप्त हुआ और चेक भी,जो उनकी इकलौती बेटी के आने से उनको दे दिया जाएगा इस विषय में कांड्रा प्रशासन की डिपुटी बनती है स्पष्ट किया जाना चाहिए की यह आत्महत्या का क्या कारण है और जांच में दोषी पाए जाने वाले पर कड़ी कानूनी कारवाई की जानी चाहिए और एम ओ के द्वारा उक्त दुकान से संबंधित कार्डधारियों को उनके नजदीकी दुकान में बांट दिया जाय ताकि कार्डधारियों को अनाज मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो

रपट जगन्नाथ मिश्रा