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कैंसर से निकल रहा दमवा गांव का दम दो वर्ष में 17 की मौत, तीन अब भी हैं ग्रस्त

कैंसर से निकल रहा दमवा गांव का दम दो वर्ष में 17 की मौत, तीन अब भी हैं ग्रस्त

पलामू का दमवा गांव कैंसर से जूझ रहा है. इस गांव में कैंसर बीमारी का प्रकोप काफी है. पिछले दो साल में इस गंभीर बीमारी से 17 लोगों की मौत हुई है तो मौजूदा वक्त में तीन लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.

पलामूः कैंसर से दमवा गांव के लोगों का दम निकल रहा है. पिछले दो वर्ष से कैंसर से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, गांव में तीन लोग अभी-भी कैंसर से जीवन और मौत की जंग लड़ रहे हैं. करीब पांच दर्जन घरों की आबादी वाले इस गांव में कैंसर से कई लोग बीमार हैं. दमवा गांव में कैंसर का प्रकोप क्यों है यह ग्रामीणों को समझ नहीं आ रहा है. साथ ही गांव के लोग किन कारणों से कैंसर का शिकार हो रहे हैं, यह भी सभी की समझ से परे है  झारखंड की राजधानी रांची से करीब साढे़ 300 किलोमीटर दूर मौजूद है, पलामू के पिपरा प्रखंड के मधुबना पंचायत का दमवा गांव. गांव के लोगों का एक-एक करके दम निकल रहा है. कई लोग कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर गांव के लोग कैंसर का क्यों और कैसे शिकार हो रहे हैं. वैसे इलाके का हाल यह बयां कर रहे हैं कि उस इलाके में अधिकतर लोग शराब का सेवन करते हैं जबकि इसी इलाके में बड़े पैमाने पर स्टोन की माइनिंग भी होती है. इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दमवा गांव में पानी का सैंपल भी लिया था, जिसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गयी थी. पलामू सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह ने बताया कि दमवा गांव से अधिक फ्लोराइड पलामू के कई इलाकों में पाया जा रहा है, लेकिन उस इलाके में इस तरह की समस्या नहीं आ रही. दमवा के लोगों को यह कैंसर क्यों हो रहा है इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से बीमार तीन लोगों को सरकारी योजना से जोड़ा जाएगा और उन्हें इलाज में सहायता दी जाएगी, ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

पानी की जांच करवाने और जान बचाने की लगा रहे गुहार ग्रामीणः दमवा के ग्रामीण अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं. इसके लिए ग्रामीणों ने कई स्तर पर पत्र भी लिखा है. कई ग्रामीण खुद से इलाज करवा रहे हैं, ग्रामीणों ने पानी की खास जांच करवाने की मांग कर रहे हैं. पांच सौ आबादी वाला यह गांव बिहार सीमा से काफी सटा हुआ है. यह इलाका काफी पिछड़ा हुआ है और इलाके में आधा दर्जन से अधिक स्टोन माइंस हैं. ग्रामीणों ने 11 ग्रामीण के स्वास्थ्य की निगरानी करने का आग्रह किया है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी की समस्या है, कई चापाकल को स्वास्थ विभाग ने जांच के दौरान खतरनाक बताया है. एक चापाकल के माध्यम से दर्जनों ग्रामीण अपनी प्यास को बुझा रहे हैं.
कैंसर से अब तक दमवा गांव के 40 वर्षीय सरयू सिंह, रतन सिंह, नागदेव रविदास, शीला देवी, दामोदर देवी, मानमती देवी, सरयू भुइयां, गणेश सिंह की पत्नी, फुलमनिया देवी, शिव शंकर सिंह समेत 17 लोगों की मौत हुई है. इनमें से अधिकतर लोग ब्लड कैंसर का शिकार हुए हैं