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ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तद्नुसार आज गंगा दशहरा के शुभ दिवस पर गूगल मीट का आयोजन किया गया

ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तद्नुसार आज गंगा दशहरा के शुभ दिवस पर गूगल मीट का आयोजन किया गया

गूगल मीट में जानकारी देते हुए गंगा महासभा बिहार-झारखंड के उपाध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को ही मां गंगा का इस धरा पर आगमन हुआ था ।
श्री पोद्दार ने कहा कि सूर्यवंशी राजा दिलीप के पुत्र भागीरथ अपने पूर्वजों के जो कपिल मुनि के शाप से भस्म हो गए थे उनका उद्धार करने हेतु गंगा को धरती पर लाना चाहते थे
उन्होंने कहा कि भगवान राम के पूर्वज इक्ष्वाकु वंशी राजा भागीरथ के प्रयासों से ही गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी ।
शिव की जटाओं से निकलकर गंगा हिमालय की पहाड़ियों से टकराती मैदान की ओर बढ़ चली । इस प्रकार मां गंगा इस धरा पर राजा भगीरथ के द्वारा लाई गयी ।
श्री पोद्दार ने कहा कि आज आवश्यकता है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में जो मुख्य नदियां हैं उनका संरक्षण अवश्य किया जाए । इसी प्रकार झारखंड की मुख्य स्वर्णरेखा नदी को बचाए जाने की आवश्यकता है ।
उन्होंने बताया कि इस बारे में गंगा महासभा बिहार-झारखंड की ओर से एक पत्र उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम,जमशेदपुर को सौंपा गया है ।
उन्होंने बताया कि उपायुक्त को जानकारी दी गई है कि नदी के जल पर जितना अधिकार मनुष्य जाति का है ,उतना ही अधिकार अन्य जीव-जंतुओं का भी है ।
स्थानीय बड़ी कंपनी के द्वारा जल का दोहन नदी से किया जाता है और इतनी अधिक मात्रा में किया जाता है कि नदी के जल को एक बांध बनाकर रोकने का काम किया गया है ।
जल को आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है ।
जिस जगह पर वास्तविक जल नहीं पहुंच रहा है ,वहां के आगे टाटा कम्पनी के द्वारा केमिकल युक्त लाल ,काले और गन्दे पानी को नदी में छोड़ने का काम हो रहा है ।
इस प्रकार आगे के स्थानों के निवासियों एवं पशु पक्षियों सभी को महान दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
श्री पोद्दार ने उक्त पत्र में उपायुक्त से मांग की है कि कंपनी को निर्देश दिया जाए कि एस टी पी प्लांट लगाकर शोधित जल को ही नदी में प्रवाहित करें । गंदे जल को नदी में नहीं डाला जाए और यह भी व्यवस्था की जाए की नदी के जल को कोई भी रोकने का काम नहीं करें । कम से कम 50% जल नदी में अवश्य प्रवाहित होता रहे ।
इस गूगल मीटिंग में गंगा को लेकर भी वार्ता हुई जिसमें साहिबगंज , राजमहल , बेगूसराय और भागलपुर इन स्थानों की स्थिति पर बातचीत हुई और शीघ्र ही वहां कमेटियों का गठन कर जोरदार आवाज उठा कर प्रशासन और सरकार से गंगा में जहां भी गंदे नाले गिराए जा रहे हैं ,वहां रोक लगाने की मांग की जाएगी । गूगल मीट में उपस्थित सभी लोगों ने इसमें अपनी सहमति जताई और इस मांग को सराहा गया ।
इस गूगल मीट में स्वर्णरेखा के प्रति आस्था रखने वाले अनेक लोगों ने भाग लिया जिसमें श्री पोद्दार के अलावे राजेंद्र कुमार अग्रवाल , लाभेश जैन , संदीप कुमार , वासुदेव पंडित बिदेह नंदनी चौधरी , सुरेश चंद्र झा , डॉ प्रतिभा गर्ग , लक्ष्मी सिंह , सतीश चंद्र बरनवाल , नीलेश मुरारका , अरविंदर कौर , प्रकाश मेहता , दीप शेखर सिंहल , कृष्णा कुमार साहा , अनुसूया अग्रवाल , आशुतोष गोयल , चंद्रमोहन पोद्दार , लाभेश जैन , लक्ष्मी सिंह , बासुदेव पंडित , पीयूष कुमार झा , डॉ बालकृष्ण प्रसाद आदि के नाम मुख्य रूप से सम्मिलित है ।
यह जानकारी गंगा महासभा बिहार-झारखंड के द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी गयी है ।

*मलेशिया में होने वाले मिस एशिया ग्लोबल में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी झारखंड की बेटी तान्या सिन्हा*

*मिस बोकारो के खिताब से भी नवाजी जा चुकी है*

*वर्ष 2019 में मिस मणप्पुरम क्वीन ऑफ इंडिया में विजेता का ताज अपने नाम किया*

*रांची* झारखंड की बेटी और मिस मणप्पुरम क्वीन ऑफ इंडिया 2019 तान्या सिन्हा मलेशिया में होने वाले मिस एशिया ग्लोबल में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।
झारखंड के रांची शहर की रहने वाली तान्या सिन्हा के पिता संजय कुमार सिन्हा पटना के एक प्रतिष्ठित स्कूल के प्रिंसिपल हैं जबकि उनकी मां नीलकमल सिन्हा भी प्रिसिंपल हैं। तान्या ने अपनी प्रारभिक शिक्षा डीएवी स्कूल रांची से हासिल की। तान्या ने जेवीएम श्यामली, रांची से बारहवीं की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई की है। इस बीच तान्या ने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रख दिया और मिस बोकारो के खिताब से नवाजी गयी। तान्या ने झारखंड की ओर से मिस फेमिना प्रतियोगिता में प्रतिनिधत्व किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। तान्या सिन्हा वर्ष 2019 में मिस मणप्पुरम क्वीन ऑफ इंडिया में हिस्सा लिया और विजेता का ताज अपने नाम कर लिया। तान्या अब मलेशिया में होने वाले मिस एशिया ग्लोबल में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही है। लीजा हेडन को आदर्श मानने वाली तान्या सिन्हा ने बताया कि मिस एशिया ग्लोबल का आयोजन जून में किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुये यह शो नहीं हो सका है। इस शो में विश्वभर से 59 प्रतिभागी शिरकत कर रही हैं और उन्हें भारत
का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है जिसे लेकर वह बेहद रोमांचित महसूस कर रही है।
तान्या ने कत्थक में स्नातक भी किया है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी बैंगलुरू से डेबलपमेंटल स्टडीज में पीजी कर रही है।*