जो जैसा, इतिहास लिखेंगे
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भूख लिखेंगे प्यास लिखेंगे
जो जैसा, इतिहास लिखेंगे
लोग समझ ले आसानी से
बातें वैसी खास लिखेंगे
टूट रहे, हरपल लोगों में
आपस का विश्वास लिखेंगे
भोग रही जो बारह आने
जनता का संत्रास लिखेंगे
ये हालात बनाये जिसने
उसका भी उपहास लिखेंगे
आएगा इक नया सबेरा
है लोगों में आस लिखेंगे
नयी चेतना लाने खातिर
सबका सुमन प्रयास लिखेंगे
श्यामल सुमन
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