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जनजातीय समुदाय के महान व्यक्तित्वों पर लिखित पुस्तक “शिखर को छूते ट्राइबल्स” के तीसरे भाग “अनकही जनजातीय गाथाएँ” का विमोचन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया.

जमशेदपुर 8 सितंबर। जनजातीय समुदाय के महान व्यक्तित्वों पर लिखित पुस्तक “शिखर को छूते ट्राइबल्स” के तीसरे भाग “अनकही जनजातीय गाथाएँ” का विमोचन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया. जमशेदपुर के लेखक संदीप मुरारका द्वारा यह पुस्तक देश के विख्यात प्रकाशक प्रलेक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुई है. जिसमें वैसे 20 आदिवासी व्यक्तित्वों की संक्षिप्त जीवनियाँ हैं, जिनको पद्म पुरस्कार प्राप्त हुए एवं 8 वैसे आदिवासी व्यक्तित्वों का परिचय शामिल है़, जिन्होंने देश के उच्च दायित्वों का निर्वहन किया. पुस्तक में झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा, देश के चौदहवें महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चन्द्र मुर्मू, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके मध्यप्रदेश, मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित लांस नायक अल्बर्ट एक्का, झारखंड, विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक के वरिष्ठ सलाहकार राजीव टोपनो, झारखंड, ग्रीस में भारत के राजदूत अमृत लुगुन, झारखंड, सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ़.) सोना झरिया मिंज, झारखंड, देश के 19वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त हरिशंकर ब्रह्मा, असम, विख्यात भिल चित्रकार पद्मश्री भूरी बाई बरिया, मध्यप्रदेश, कवि दाद के नाम से विख्यात लोक साहित्यकार पद्मश्री दादूदान गढ़वी, गुजरात, बोड़ो भाषा के उत्कृष्ट साहित्यकार पद्मश्री मंगल सिंह हजोवारी, असम, झूमर गुरु एवं लोकप्रिय गायक पद्मश्री दुलाल मानकी, असम, बोड़ो संस्कृति की रक्षा के लिए सतत प्रयत्नशील पद्मश्री डॉ़. कामेश्वर ब्रह्मा, असम, विख्यात असमिया साहित्यकार पद्मश्री प्रहलाद चन्द्र तासा, असम, फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया पद्मश्री जादव पायेंग, असम, बोड़ो भाषा के विख्यात कवि एवं नाटककार पद्मश्री मदराम ब्रह्मा, असम, नागा जनजाति के विख्यात लोक गायक व संगीतज्ञ पद्मश्री गुरु रेवबेन माशंग्वा, मणिपुर,भारत के प्रथम जनजातीय राजदूत पद्मश्री मेजर रालेंग्नाओ खातिंग, मणिपुर, पाँच बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिला पद्मश्री अंशु जामसेनपा, अरुणाचल प्रदेश, आदिवासी मुद्दों पर लिखने वाले असमिया उपन्यासकार पद्मश्री येशे दोरजी थोंगछी, अरूणाचल प्रदेश, रेयांग जनजाति के विख्यात लोकनृत्य गुरु पद्मश्री सत्यराम रेयांग, त्रिपुरा, वनवासियों की सेवा में समर्पित स्वयंसेवक पद्मश्री गुरु माँ कमली सोरेन, पश्चिम बंगाल, विलुप्तप्राय जनजातियों की सेवा में जुटी नर्स पद्मश्री शान्ति टेरेसा लकड़ा, अंडमान निकोबार, नागा मदर एसोशियन की संस्थापक पद्मश्री नीदोनुओ अंगामी, नागालैंड, एक महान शिक्षाविद एवं लेखक पद्मश्री मयंगनॉक्चा आओ, नागालैंड, नागा जनजातियों के लिए समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री रेव एल किजूंग्लूबा आओ, नागालैंड, आदिवासी संत एवं गीतकार पद्मश्री पूर्णमासी जानी, ओड़िशा एवं हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पद्मश्री इग्नेस तिर्की, ओड़िशा जैसी महान हस्तियों की संक्षिप्त जीवन गाथाओं का संकलन है़। उपरोक्त विमोचन अवसर पर अग्रवाल सम्मेलन के जिला अध्यक्ष संतोष अग्रवाल, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार मित्तल एवं लेखक संदीप मुरारका उपस्थित थे।