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जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने सचिवनगर विकास एवं आवास विभाग झारखण्ड सरकार को पत्र लिखकर मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना जमशेदपुर का क्षमता विस्तार और इसका फेज-2 कार्यान्वित करने के लिए परामर्शी चयन करने के संबंध में लिखा है 

जमशेदपुर – जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने सचिवनगर विकास एवं आवास विभाग झारखण्ड सरकार को पत्र लिखकर मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना जमशेदपुर का क्षमता विस्तार और इसका फेज-2 कार्यान्वित करने के लिए परामर्शी चयन करने के संबंध में लिखा है

जमशेदपुर-  जमशेदपुर पूर्वी विधायक ने अपने पत्र संबोधन में लिखा है कि विशेष पदाधिकारी  जमशेदपुर अक्षेस के कार्यालय में मेरी पहल पर संदर्भित बैठक दिनांक 06 मई, 2023 को हुई थी। इस बैठक की कार्यवाही आपके अवलोकनार्थ संलग्न है। इसका निष्कर्ष है कि मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना का क्षमता विस्तार करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। अभी परियोजना की जो क्षमता है वह संतृप्त होने की कगार पर है। इससे और दो हजार से अधिक घरों को पेयजल का कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बिरसानगर में कुल 9,592 आवासों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इन आवासों के लिए पेयजल की आपूर्ति भी मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना से ही होनी है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में इस बीच कई बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो गई हैं और हो रही हैं। इनके लिए भी पेयजल की आवश्यकता इसी परियोजना से पूरी होगी। साथ ही इस क्षेत्र में पूर्व निर्मित आवासों का भी ऊर्ध्व एवं क्षैतिज विस्तार हो रहा है। इनमें अब तक रिक्त भूखंडों पर भवनों का निर्माण हो रहा हैं। इसे देखते हुए मोहरदा पेयजल परियोजना की वर्तमान संरचना इस क्षेत्र के सभी नागरिकों को पेयजल की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है। परियोजना से शुद्ध जल उपभोक्ताओं को देने का विगत दो वर्षों से हमारा प्रयास चल रहा है। परन्तु परियोजना की संरचना में निहित त्रुटियों/कमियों के कारण ऐसा करने में अनेक कठिनाईयाँ उत्पन्न हो रही हैं।

उपर्युक्त के मद्देनजर मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना का क्षमता विस्तार अपरिहार्य हो गया है। क्षमता विस्तार के दौरान यह भी देखना होगा कि इसके लिए स्वर्णरेखा में नया इंटेक वेल बनाया जाय अथवा जल उपलब्धता के अन्य स्रोत ढूंढे जाएँ। मेरी समझ से नदी से जल खींचने के बदले अन्य विकल्प ढूंढना और जल को शुद्ध कर उपभोक्ताओं के घरों में पेयजल आपूर्ति करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

जमशेदपुर की पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए हम चाहे जहाँ से भी पानी लें वह पानी स्वर्णरेखा का ही पानी होगा। इसे हम चाहे डिमना लेक से लें, सतनाला डैम से लें या किसी अन्य स्थल से लें।

फिलहाल मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के लिए स्वर्णरेखा नदी में एनिकट खड़ा कर और इंटेक वेल बनाकर पानी लिया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी खामी यह है कि शहर के अंतिम छोर पर होने के कारण शहर के सभी गंदे नालों की गंदगी का सम्मिलित प्रभाव इस स्थल पर होता है। यहाँ से लिये जा रहे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ करना भी दिन-प्रतिदिन दुष्कर और खर्चीला होते जा रहा है। मेरा सुझाव है कि मोहरदा पेयजल परियोजना स्थल के आसपास एक और नया इंटेक वेल बनाने के बदले डिमना लेक, सतनाला डैम अथवा किसी अन्य स्थान से अथवा सीधे चांडिल डैम से स्वर्णरेखा नदी का पानी लिया जाय और मोहरदा के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का विस्तार किया जाय तथा एक बड़ा जल संग्रह संरचना खड़ा किया जाए। इस तरह मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना का क्षमता विस्तार करना होगा और यहाँ स्थित जल शोधन संयंत्र (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) का भी विस्तार करना (फेज-2) होगा। आवश्यक है कि मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के फेज-2 के लिए तकनीकी पहलुओं पर विचार करने और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के लिए एक सक्षम परामर्शी का चयन किया जाय। इस पत्र की प्रतिलिपि: परियोजना निदेशक, जुडको को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यार्थ प्रेषित की गई है