झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने एमजीएम अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल वापस लेने पर प्रसन्नता व्यक्त किया है

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने एमजीएम अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल वापस लेने पर प्रसन्नता व्यक्त किया है और कहा है कि डाक्टरों ने हड़ताल वापस लेकर व्यावहारिक दृष्टिकोण का परिचय दिया है और हमारी बातचीत पर भरोसा व्यक्त किया है. अब यह सरकारी अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे इस भरोसा का कितना सम्मान करते हैं.
उन्होंने कहा है कि वे आज क़रीब 11 बजे एमजीएम अस्पताल गये और अधीक्षक कार्यालय में उपाधीक्षक की उपस्थिति में जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता किया. बाद में ओपीडी में जाकर हड़ताली डाक्टरों के समक्ष अपनी बातें रखी. उनकी उपस्थिति में श्री राय ने राज्य के प्रभारी मुख्य सचिव से दूरभाष पर बात किया. मुख्य सचिव ने कहा कि वे आज ही वित्त विभाग में संचिका भेजेंगे और प्रस्ताव देंगे कि क़रीब पैंतीस करोड़ आकस्मिकता निधि से अग्रिम भुगतान दें ताकि चिकित्सकों के वेतन मद में पांच महीना का बकाया भुगतान किया जा सके.
इस पर हड़ताली डाक्टरों ने बताया कि पहले भी विभाग से आकस्मिकता निधि से अग्रिम का प्रस्ताव वित्त विभाग में गया था जिसे वित्त विभाग ने वापस कर दिया. इसके बाद मैंने वित्त सचिव से दूरभाष पर बात किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग से जैसे ही उनके पास आकस्मिकता निधि से अग्रिम देने का प्रस्ताव आयेगा मैं प्राथमिकता के आधार पर इसे स्वीकृति प्रदान कर दूँगा. वित्त सचिव से हुई वार्ता के विषय में श्री राय ने डाक्टरों के प्रतिनिधि डा॰ मोहित कुमार को अवगत करा दिया.
वित्त सचिव ने बताया कि वे अग्रिम की स्वीकृति प्रदान कर देंगे परंतु यह स्वास्थ्य विभाग पर निर्भर करेगा कि वह इसे कैसे प्राप्त करेगा. आम तौर पर इसके लिये मंत्रिपरिषद की स्वीकृति चाहिए. मैंने उन्हें सुझाव दिया कि यदि मंत्रिपरिषद बैठक में देरी हो तो विभाग मंत्रिपरिषद की स्वीकृति की प्रत्याशा में मुख्यमंत्री की आदेश लेकर अविलंब आकस्मिकता निधि से अग्रिम राशि की निकासी कर सकता है.
जूनियर डाक्टरों ने श्री राय से कहा कि मैं उनका समर्थन करूँ उन्होंने कहा कि यदि मेरे समर्थन से आपका नुक़सान नहीं हो और इसमें राजनीति नहीं हो तो मेरा पूरा समर्थन आपके साथ है. अंत में श्री राय ने जूनियर डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि दो दिन तक पूजा कार्य में मेरी व्यस्तता है. दो दिन के भीतर आपका बकाया भुगतान नहीं हुआ तो मैं आपकी जगह आपके लिए स्वयं आन्दोलन करूँगा.