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जिले के नए उपायुक्त की संघर्ष कहानी : माँ बेचती थी चूड़ी, पिता बनाते थे पंक्चर

जिले के नए उपायुक्त की संघर्ष कहानी : माँ बेचती थी चूड़ी, पिता बनाते थे पंक्चर

गढ़वा : झारखंड सरकार की कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा राज्य के 17 आईएएस अधिकारीयों का तबादला किया गया है। जिसमें घोपल रमेश गोरख़ को अभियान निदेशक, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन रांची से गढ़वा जिले के उपायुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया है। रमेश घोलप का जन्म महाराष्ट्र के सोलनपुर जिले में हुआ था। रमेश बचपन से ही बहुत ही होनहार छात्र थे और पढाई में हमेशा अव्वल थे। रमेश के पिता की साइकिल की पंचर बानाने की दूकान थी, जिससे रमेश का 4 परिवार वाले घर का खर्च चलता था। पर रमेश के पिता को शराब पीने की बुरी लत थी, जिसके वजह से वह बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल में दाखिल करना पड़ा। रमेश के पिता घर में कमाने वाले एक मात्र शख्स थे, ऐसे में अब रमेश का परिवार काफी मुश्किलों में घिर गया था। घर में पैसों की तंगी के कारण रमेश की माँ ने चूड़ी बेचने का बिजनेस शुरू किया और इस काम में रमेश और उनके भाई अपनी माँ का साथ देने लगे।