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झारखण्ड का बना 22 वर्ष हो गया लेकिन आदिवासी के नाम पर राजनीति दल राजनीति कर रही है

झारखण्ड का बना 22 वर्ष हो गया लेकिन आदिवासी के नाम पर राजनीति दल राजनीति कर रही है वर्तमान झारखण्ड सरकार का पोल खोलते हुए झारखण्ड के रहने वाले विशेष कुमार बाबू तांती ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार आदिवासी के विकास के नाम पर राजनीति कर रही है यह राजनीति जमीनी स्तर पर कहीं भी नहीं दिख रहा है सिर्फ अखबार तक ही सीमित है श्री बाबू तांती ने कहा कि पिछले तीन चार महीनों से राशन भी नहीं मिल रहा है जिसके कारण उम्र से ज्यादा उम्र वाली महिलाएं बाजार में बारी और जंगल से पत्ता,साग, दतुअन लाकर बाजार में बेचने का काम रही है
श्री बाबू तांती ने कहा कि आदिवासी के प्रति आदिवासी कहलाने वाली सरकार कितना काम करती है श्री तांती ने कहा कि सरकार विकास के नाम पर फेल है अखबार में ही सिर्फ विकास दिख रहा है उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 22 वर्ष हो गए लेकिन झारखण्ड में महिला अब भी हडिया बेचने के लिए मजबूर है सरकार दस हजार रुपया आदिवासी महिला को रोजगार हेतु मुहैया करने की घोषणा करती है लेकिन दस हजार रुपया आदिवासी महिला को मिलता तो हडिया बेचने का काम नहीं करती झारखण्ड की आदिवासी महिला ने पत्ता,साग,दातुन बेचकर जीवनयापन कर रही है उन्होंने कहा कि आदिवासियों का रोजगार जंगल होने और प्राकृतिक से उनको रोजगार मिल रहा है उन्होंने कहा कि आदिवासियों के प्रति सहानुभूति जताने वाली सरकार कहलाने वाली आदिवासी मुल वासी आज भी जंगल और बारी से चुनकर पत्ता, दातून,साग और अन्य चीजें चुनकर बाजार में जाकर बेच रही है आदिवासी महिला चौक चौराहों पर जाकर हडिया बेचने का काम कर रही है उन्होंने कहा कि झारखंड में जंगल ज्यादा है झारखण्ड की वर्तमान सरकार ने झारखण्ड वासियों को प्राकृति दिया है जिससे हमलोगों का रोजगार चल रहा है गांव की आदिवासी महिला दुर्गा मनी और अन्य महिलाओं ने बताया कि झारखण्ड की आदिवासी हितैषी वाली सरकार के कार्यकाल में राशन के नाम पर दो से तीन किलो अनाज मिलता है जिससे परिवार का भरण पोषण नहीं हो सकता है इसलिए जंगल और बारी से पत्ता,साग, दातुन इत्यादि लाकर बेचने का काम करते हैं महिलाओं ने बताया कि विगत चार महीनों से राशन भी सरकार के द्वारा ठीक ढंग से उपलब्ध नहीं कराया गया है आदिवासी की हितैषी वाली सरकार आदिवासियों के लिए कुछ नहीं करती है और आदिवासियों के नाम पर सत्ता हथिया करआदिवासियों का ही शोषण करती है