- शिकायत: 36 घंटे तक चले इलाज में मनमाने तरीके से बनाया 4 लाख 60 हजार रु. का बिल
- सड़क दुर्घटना में घायल हजारीबाग के मरीज को 18 सितंबर की रात हॉस्पिटल में किया गया था भर्ती
- प्रबंधन ने कहा : ब्रेन के स्कैल्प को पेट की चमड़ी के नीचे रखा जाना सामान्य सर्जरी प्रकिया
रांची। निजी अस्पताल सैमफोर्ड में रविवार को मरीज के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। परिजनों ने आरेाप लगाया कि हजारीबाग निवासी मरीज सुल्तान को 18 सितंबर को रोड एक्सीडेंट के दौरान सिर में चोट लगी थी। 18 की रात उसे सैमफोर्ड में भरती किया गया था। चोट उसके सिर में लगी थी, जबकि ऑपरेशन उसके पेट का किया गया।
मरीज की मौत के बाद जब शव दिया गया तो पेट में ऑपरेशन के निशान परिजनों ने देखा। इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे। आरोप है कि जब चोट सिर में थी तो पेट में ऑपरेशन के निशान कैसे हैं। मरीज की किडनी निकाली गई है। अस्पताल ने मनमाने तरीके से बिल भी बनाया था। महज 36 घंटे के इलाज में 4 लाख 60 हजार का बिल बनाया। हंगामे के बाद सदर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाया। डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया है।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा-मृतक के परिजन अज्ञानता के कारण लगा रहे आरोप
मरीज को रोड एक्सीडेंट में सिर में चोट लगी थी। जब ब्रेन में सूजन होता है, तो सर्जरी के दौरान ब्रेन की हड्डी की सर्जरी का एक हिस्सा पेट में इंप्लांट कर दिया जाता है। जब ब्रेन नॉर्मल होता है तो सेकेंड सर्जरी में पेट में फिट किया हुआ स्कैलप को फिर से ब्रेन में लगाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि मरीज के सिर का स्कैल्प पेट के अंदर जीवित अवस्था में रहता है। ऐसा करना मरीज की जान बचाने के लिए आवश्यक है। मरीज के परिजन अज्ञानता के कारण कुछ भी आरोप लगा रहे हैं।
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