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हिन्दुओं की भूमि हडपकर ‘लैंड जिहाद’ को प्रोत्साहन देने वाला अन्यायकारी ‘वक्फ बोर्ड कानून’ निरस्त किया जाए हिन्दू जनजागृति समिति ने उपायुक्त पूर्वी सिंहपुर के माध्यम से भारत सरकार को सौंपा ज्ञापन

हिन्दुओं की भूमि हडपकर ‘लैंड जिहाद’ को प्रोत्साहन देने वाला अन्यायकारी ‘वक्फ बोर्ड कानून’ निरस्त किया जाए हिन्दू जनजागृति समिति ने उपायुक्त पूर्वी सिंहपुर के माध्यम से भारत सरकार को सौंपा ज्ञापन

जमशेदपुर : वक्फ बोर्ड कानून में कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दिए हैं । यह कानून मुसलमानों की धार्मिक संपत्ति संरक्षित करने के लिए बना है ऐसा ऊपरी तौर पर दिखाई देता है। परंतु इस कानून के माध्यम से हिन्दुओं के घर, दुकान, खेती, भूमि तथा धार्मिक स्थल ही नहीं; अपितु सरकारी संपत्ति भी सरलता से हडपी जा सकती है। इस कानून का दुरुपयोग कर देशभर में बलपूर्वक जनता की एवं सरकारी भूमि हडपकर वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित किया जाना एक षड्यंत्रकारी ‘लैंड जिहाद’ ही है । इस षड्यंत्र के अंतर्गत देश भर की भूमि हडपने का अत्यंत भयावह कार्य वक्फ कानून के माध्यम से शुरू है। इस कारण भारतीय नागरिकों के अर्थात बहुसंख्यक हिन्दुओं के घर, दुकान, खेती, भूमि तथा मंदिर भी सुरक्षित नहीं हैं।

यह धार्मिक भेदभाव करने वाला, अन्यायकारी, विभाजनकारी एवं संविधान विरोधी ‘वक्फ बोर्ड एक्ट’ तत्काल निरस्त किया जाए तथा देश में ‘समान नागरिक संहिता’ लागू कर अल्पसंख्यकों के नाम पर लागू की गई सभी विशेष सुविधाएं, कानून, आयोग, आदि समाप्त कर, सभी के साथ समान बर्ताव किया जाए। ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री और कानून मंत्री  भारत सरकार को ज्ञापन देकर की गई

ज्ञापन देने हेतु रंजना वर्मा, अधिवक्ता प्रणिता श्रीवास्तव, डी. प्रसाद,  रवि महाराणा,  आलोक पांडे, तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से  सुदामा शर्मा और  वी. व्ही. कृष्णा उपस्थित थे ।

कांग्रेस सरकार द्वारा ही ‘वक्फ बोर्ड कानून’ में किए गए संशोधन के कारण उन्हें हिन्दू, क्रिश्चियन, सिख, बौद्ध एवं अन्य गैर मुसलमानों की कोई भी संपत्ति ‘वक्फ बोर्ड की संपत्ति’ घोषित करने का असीमित एवं अप्रतिवाद्य अधिकार प्राप्त है। वक्फ की संपत्ति से संबंधित विवाद ‘वक्फ बोर्ड ट्रीब्यूनल’ में ही चलाने का प्रावधान है। आक्षेप लेने वाला ‘सिविल कोर्ट’ में नहीं जा सकता। अर्थात उसे न्याय नहीं मिल सकता। इसलिए अब तक इस कानून का दुरुपयोग करते हुए जो-जो भूमि वक्फ बोर्ड ने अपनी घोषित की है, वह उस भूमि उसके वास्तविक मालिक को देने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जानी चाहिए

अपने ही देश में बहुसंख्यक आबादी के ऊपर अनेक अन्याय किए जा रहे हैं। एक ओर हिन्दुओं के मंदिरों का सरकारीकरण कर मंदिरों की संपत्ति सरकार अपने नियंत्रण में ले रही है, तो दूसरी ओर ‘मुसलमानों की धार्मिक संस्था’ द्वारा सरकार एवं नागरिकों की संपत्ति कानून का दुरुपयोग करते हुए हडप ली जा रही है। वक्फ कानून के कारण गुजरात में हिन्दुओं का द्वारका द्वीप, सूरत महानगरपालिका, प्रयागराज का चंद्रशेखर आजाद पार्क, ज्ञानवापी, मथुरा आदि अनेक स्थान, इस वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करने का कुचक्र चालू है । अब इसमें छत्रपति शाहू महाराजजी द्वारा शैक्षिक प्रयोजन के लिए दी गई 3500 करोड रुपयों की भूमि का भी समावेश हो गया है। यह कृत्य दुर्दैवी, धर्मनिरपेक्षता पर कड़ा प्रहार तथा असंवैधानिक है। संविधान के अनुसार कानून सभी के लिए समान होने चाहिए; परंतु यहां केवल एक धर्म के लिए विशेष कानून बनाया गया है। यह कानूनी भेदभाव है। देश में सभी धर्मियों के साथ समान व्यवहार एवं सभी के लिए समान कानून होना चाहिए।

इस अन्यायपूर्ण ‘वक्फ बोर्ड एक्ट’ के परिणाम स्वरूप आज भारत सरकार की रेलवे एवं सुरक्षा प्रतिष्ठान के बाद पूरे देश में 8 लाख एकड से अधिक भूमि का स्वामी ‘वक्फ बोर्ड’ है। यह संकट के पदचाप हैं। हिन्दुओं को जागृत होकर तत्काल उचित व संवैधानिक कदम उठाना चाहिए, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा किया गया

शंभू गवारे पूर्व – पूर्वोत्तर भारत  राज्य समन्वयक हिन्दू जनजागृति समिति