झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

हृदय प्रेम का डेरा हो

हृदय प्रेम का डेरा हो
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तेरा हो या मेरा हो
हृदय प्रेम का डेरा हो

पात्र बना खुद को ऐसा
जैसे कुशल ठठेरा हो

जीवन के संघर्षों में
अनुशासन का घेरा हो

दीपक खुद बन के प्यारे
जाओ, जहाँ अंधेरा हो

खतरे में जीना ऐसे
जैसे चतुर सपेरा हो

बातों में आकर्षण यूँ
ऐसा लगे चितेरा हो

दिल में है विश्वास सुमन
कल फिर नया सबेरा हो

श्यामल सुमन