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घरेलू खाद्य पदार्थों में छिपा है पोषण का खजाना: अरिमर्दन

घरेलू खाद्य पदार्थों में छिपा है पोषण का खजाना: अरिमर्दन

रांची। राष्ट्रीय पोषण माह-2021 के तहत आयोजित किए जा रहे समारोहों के क्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी-आरओबी रांची और एफओबी दुमका के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को हेल्दी फूड फॉर हेल्दी हैप्पी लाइफ विषय पर वेबिनार आयोजित किया गया।
वेबिनार के दौरान अध्यक्षीय संबोधन देते हुए पीआईबी-आरओबी के अपर महानिदेशक श्री अरिमर्दन सिंह ने कहा कि स्वस्थ रहने से ही दैहिक, दैविक और भौतिक सुखों का आनंद ले सकते हैं। हेल्थी फूड के लिए जरूरी नहीं कि हम अपने शहर या देश से बाहर की खाद्य सामग्रियों का प्रयोग करें, संतुलित और सही पोषण हम घरेलू खाद्य पदार्थों से भी प्राप्त कर सकते हैं। मौसमी फल और सब्जियां संतुलित पोषण का सबसे अच्छा स्त्रोत हैं। छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए गर्भावस्था के दौरान मांओं को पौष्टिक भोजन करना चाहिए जिससे कि बच्चों को जन्म के बाद कुपोषण एवं अन्य बीमारियों से बचाया जा सके। हमारी लाइफस्टाइल ऐसी होनी चाहिए कि हम कम से कम बीमार पड़ें और बीमारी में लगने वाले पैसों से रचनात्मक कार्य कर सकें। अपर महानिदेशक ने दांतों को स्वस्थ रखने के भी उपाय बताए।
वेबिनार को संबोधित करते हुए युनाईटेड किंगडम, लंदन के नॉर्थैंपटन युनिवसिर्टी ऑफ हॉस्पीटल्स के अंतर्गत आने वाले केटरिंग अस्पताल के सलाहकार चिकित्सक हेपेटोलॉजिस्ट, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डा. आफताब आलम कुपोषण को दो भागों में बांटकर समझाते हुए कहा कि अंडर न्यूट्रिशन और ओवर न्यूट्रिशन दोनों ही स्वास्थ्य के लिहाज से खराब माने जाते हैं। अंडर न्यूट्रिशन में जहां शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी होती है और वजन काफी कम हो जाता है वहीं ओवर न्यूट्रिशन में शरीर में कुछ पौष्टिक तत्व इतने ज्यादा हो जाते हैं जिससे शरीर का वजन काफी ज्यादा बढ़ जाता है। डा. आलम ने कहा कि अगर भारत के संदर्भ में बात करें तो राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में कुपोषण के ज्यादा मामले पाए जाते हैं। भारतीय प्रायद्वीप में भारत और अफ्रीका की स्थति कुपोषण के मामले में ज्यादा खराब है। डा. आलम ने कहा कि विकसित देशों में मोटापा की समस्या आम है, यहां जंक फूड का सेवन ज्यादा किया जाता है और शारीरिक एक्टिविटी काफी कम होती है। मोटापा से कैंसर, डायबिटीज, लीवर और अन्य समस्याएं काफी जल्दी होती हैं। डा. आलम ने कहा कि हमें कार्यस्थल पर भी छोटे-छोटे काम खुद से करने चाहिए जिससे शारीरिक गतिविधियां होती रहें और भोजन के द्वारा ली गई कैलोरी बर्न हो। इसके अभाव में कम नींद आना, डिप्रेशन जैसी समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं। डा. आलम ने पॉवर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पूरी पाचन प्रक्रिया को दिखाते हुए समझाया कि कैसे भोजन के ग्रहण से लेकर पाचन तक की प्रक्रिया संपन्न करने में कौन से अंग कौन सी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अल्कोहल को शरीर के लिए सबसे नुकसानदेह बताया। डा. आलम ने पोषण से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि हमें कितनी कैलोरी, कितना प्रोटीन चाहिए इसका बैलेंस होना चाहिए नहीं तो हम अंडर न्यूट्रीशन या ओवर न्यूट्रीशन का शिकार हे सकते हैं। उन्होंने खाने की सही आदतों के बारे में बताते हुए कहा कि हमें रात को सोने से दो या तीन घंटे पहले खा लेना चाहिए इससे पाचन क्रिया में अंगों को आसानी होती है।
अतिथि वक्ता के रूप में मौजूद गोवा कॉलेज ऑफ होम साइंस, पणजी की फूड न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स विभाग की सहायक प्रोफेसर गौरवी गंजन शिरोडकर ने कहा कि सही पोषण के लिए उम्र/लिंग/क्रियाकलाप के अनुसार से ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। शारीरिक विकास के लिए प्रोटीन काफी आवश्यक है। गौरवी गंजन के अंडर न्यूट्रिशन और ओवर न्यूट्रीशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अंडर न्यूट्रिशन में प्रोटीन एनर्जी कुपोषण, आयोडीन की कमी, विटामिन्स की कमी होती है जिससे कई तरह की बीमारियां होती हैं। इसी तरह से ओवर न्यूट्रीशन में मोटापा, दिल की बीमारी, डायबिटीज एवं कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने खाद्य पदार्थों को ग्रुप में बांटकर दाल, चावल, बाजरा, मक्का, रागी, ज्वार, दुग्ध के उत्पादों के फायदे, फलों और मौसमी फलों में मिलने वाले विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मांसाहारी खाद्य वस्तुओं के फायदों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि पाचन शक्ति मजबूत करने के लिए मैदे से बनी वस्तुओं से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न तरह के खाद्य तेलों को मिलाकर नहीं खाना चाहिए इससे नुकसान हो सकता है। शुगर के मरीजों को गुड़ और शहद से भी परहेज करना चाहिए। पैक्ड फूड की बजाए ताजे फलों का जूस पीना पौष्टिक होता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिन भर में दो लीटर पानी पीना जरूरी है और एक ही बार में ज्यादा भोजन करने की बजाए टुकड़ों में हल्का भोजन करना चाहिए। आयरन के साथ विटामिन सी खाना जरूर लेना चाहिए।
वेबिनार के दौरान अतिथि वक्ताओं से पोषण, आयोडिन की कमी से सबंधित बीमारी और डायबिटीज के प्रकारों के बारे में सवाल पूछे गए जिसका वक्ताओं ने जवाब दिया।
वेबिनार का समन्वय और संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, दुमका शाहिद रहमान ने किया। वेबिनार का यु-ट्यूब पर भी लाइव प्रसारण किया गया और सभी प्रतिभागियों को ई- सर्टिफिकेट भी दिया गया। वेबिनार में पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकार एवं सदस्य, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए।