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घरेलू हिंसा पर न्याय सदन में कार्यशाला आयोजित

घरेलू हिंसा पर न्याय सदन में कार्यशाला आयोजित

जमशेदपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर एवं ममता हेल्थ इंस्टिट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड संगठन के संयुक्त तत्त्वाधान में शनिवार को न्याय सदन कॉन्फ्रेंस हॉल में जेंडर आधारित घरेलू हिंसा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में डालसा के पीएलवी एवं पैनल लॉयर्स शामिल थे । संस्था के झारखंड राज्य समन्वयक राजेश रंजन ने अपने संस्थान के कार्य और उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । इस दौरान उन्होंने लिंग भेद , जेंडर आधारित हिंसा जेंडर क्या है? , जेंडर और सेक्स में क्या अंतर है?, हिंसा का चक्र और उसके मुख्य बिंदु हिंसा के संकेत , लक्षण और पहचान करना , हिंसा की रोक थाम और रिस्पॉन्स में पीएलवी की भूमिका और दायित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दिया । इसके अलावे प्रोजेक्टर के माध्यम से भी बारिकी ढंग से सभी को समझाया गया । वहीं कार्यशाला में मौजूद मध्यस्थ अधिवक्ता के के सिन्हा एवं सोमा दास ने डीवी एक्ट ( घरेलू हिंसा ) के बारे में चर्चा किया और इस एक्ट की सार्थकता पर विस्तार से प्रकाश डाला । वरिष्ठ मीडियटर श्री सिन्हा ने कहा कि डीवी एक्ट मामले में 60 दिनों के अंदर अंदर हर हाल में पीड़िता को न्याय मिल जाना चाहिए , परतु अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि कोर्ट में कई केस अभी भी 60 दिन तो क्या 60 महिनों में भी घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओ को न्याय नहीं मिल पाया है । आज डीवी एक्ट के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि इस एक्ट में पीड़िता को त्वरित न्याय मिल सके । इसके लिए उन्होंने अलग से डीवी एक्ट कोर्ट का गठन करने का भी सुझाव दिया । कार्यशाला में संस्था की ओर से शैलेन्द्र पांडेय, अनिल व चान्दमुनी तथा डालसा के पैनल लॉयर्स में लीना मोहंती , संगीता शर्मा , शुगी मुर्मू , योगिता कुमारी , लक्ष्मी बिरुआ और पीएलवी में नागेंद्र कुमार , सुनील पाण्डेय , संजय तिवारी, शिव शंकर महतो, निताय चंद्र गोराय ,नंदा रजक, चयन मंडल, छकू मांझी, सदानंद महतो, प्रकाश मिश्रा, आकाश सिंह, जयंत कुमार, जयंतो नंदी, जोबा रानी बास्के, सुनीता कुमारी, माधवी कुमारी, रमैया एस सहित जिले के सभी प्रखंडो से डालसा के पीएलवी शामिल थे ।