झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

घर को लेकिन घर रहने दो

घर को लेकिन घर रहने दो
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सुख दुख मेरे सर रहने दो
घर को लेकिन घर रहने दो

प्यार बचा तो बचता सब कुछ
दिल को मत बंजर रहने दो

घर में मेरे सब अच्छे हैं
मुझको ही कमतर रहने दो

फिर तालाब करे गंदा जो
वो मछली बाहर रहने दो

गाँव, शहर से पहले घर है
कुछ प्यारा मंजर रहने दो

लालच देते क्यों त्यागी को
अपना धन, जेवर रहने दो

सुमन फकीरी मस्त जिन्दगी
शायर को शायर रहने दो

श्यामल सुमन