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फूलो-झानो आर्शीवाद योजना ने बदली हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं की तकदीर, सम्मानजनक स्वरोजगार के लिए हो रहीं प्रेरित

फूलो-झानो आर्शीवाद योजना ने बदली हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं की तकदीर, सम्मानजनक स्वरोजगार के लिए हो रहीं प्रेरित

जिले के सभी प्रखण्डों में ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से आमजनों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुगमता से उपलब्ध कराने का प्रयास काफी सफल साबित हो रहा है । जेएसएलपीएस के माध्यम से हड़िया-दारु बेच रही महिलाओं को आजीविका के वैकल्पिक साधनों से जोड़ने के प्रयासों से महिलाएं भी काफी खुश हैं तथा सम्मानजनक रोजगार अपनाने को लेकर प्रेरित हो रही हैं। चाकुलिया के बेंद प्रखंड में आयोजित पंचायत स्तरीय शिविर में ग्राम आमडांगरा की मादो हांसदा एवं दुलाली हेम्ब्रम को दस हजार रूपए का चेक स्वरोजगार के लिए उपलब्ध कराया तो उन्होंने मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन को आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार अब हमारी भी सुन रही है । मादो हांसदा ने बताया कि वे दस हजार रूपए की पूंजी से हड़िया बेचना छोड़कर बकरी पालन कर आजीविका चलायेंगी वहीं दुलाली हेम्ब्रम ने बकरी-सूअर पालन कर आजीविका चलाने की बात कही । पूंजी के आभाव में किसी प्रकार का व्यवसाय नहीं कर पाने तथा हड़िया दारू बेचने को विवश महिलायें अब फूलो झानो आर्शीवाद योजना से स्वरोजगार के दूसरे राह अपना रही हैं। सम्मानजनक जीवन व्यापन करने की राह मिलने से लाभुक प्रसन्न हैं और सरकार एवं प्रशासन के प्रति उन्होंने आभार व्यक्त किया।
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समाहरणालय से डायन प्रथा उन्मूलन प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना गांव-गांव जाकर डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति से लोगों को जागरूक करेगा रथ

उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत एवं डीसीएलआर रविन्द्र गगरई ने समाहरणालय परिसर से डायन प्रथा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आमजनों को सामाजिक कुरीति के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से प्रचार-वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर भी मौजूद रहीं। उप विकास आयुक्त ने कहा कि प्रचार-रथ के माध्यम से जिला के विभिन्न प्रखंडों, सुदूरवर्ती ग्रामों एवं शहरी क्षेत्रों में आम नागरिकों को जागरूक किया जाएगा साथ ही आपके अधिकार-आपकी ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के दौरान भी इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
उप विकास आयुक्त ने आमजनों से डायन बिसाही जैसी कुप्रथा पर विश्वास नहीं करने तथा अपने आसपास इस प्रकार की किसी भी घटना की जानकारी होने पर निकटतम पुलिस थाने से संपर्क करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसी सामाजिक कुरीति को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता बेहद जरूरी है। डायन प्रथा जैसी कुरीतियां ना केवल महिलाओं, बल्कि समाज को भी नकारात्मक विचारधारा की ओर ले जाता है। अंधविश्वास के कारण उत्पन्न इन कुरीतियों से महिलाओं को प्रताड़ित करना अपराध है, डायन बिसाही जैसी कुप्रथा के कारण आज समाज के गरीब तथा असहाय महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है।
डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के तहत किसी महिला को ‘डायन’ के रूप में पहचान करने वाले तथा पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को कारावास एवं जुर्माना से दंडित करने का प्रावधान है।
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