झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

फादर हिलेरी लोबो नहीं रहे शिक्षा जगत में शोक की लहर आज येशु भवन में होगा उनका अंतिम संस्कार

फादर हिलेरी लोबो नहीं रहे शिक्षा जगत में शोक की लहर आज येशु भवन में होगा उनका अंतिम संस्कार

जमशेदपुर। औद्योगिक नगरी जमशेदपुर के साथ ही कोयलांचल एवं पुरुलिया में शिक्षा की ज्योति के प्रचार प्रसार के प्रतीक फादर हिलेरी लोबो नहीं रहे। 81 वर्ष की आयु में उनका निधन टाटा मेन अस्पताल में सोमवार को हो गया।
1940 में कर्नाटक बेंगलुरु के नीमरगा गांव में जन्मे फादर हिलेरी लोबो ने 21 वर्ष की आयु में ही अपना जीवन समाज के लिए अर्पित करने का फैसला लिया और सोसाइटी ऑफ़ जीसस में शामिल हो गए। उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज रांची से स्नातक किया और फिर उच्च शिक्षा पुणे एवं अमेरिका से प्राप्त की।
उनके पार्थिव देह को कल मंगलवार को मांगू यीशु भवन में सरकारी प्रावधान के अनुसार दफनाया जाएगा। उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।
जमशेदपुर के कई अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रिंसिपल है जो उनके सानिध्य में रहकर अपने को परिपक्व करते रहे हैं।
मृदुभाषी एवं हंसमुख चेहरा के फादर हिलेरी लोबो ने 1963 से ही गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था। चाईबासा लुपंगगुटू संत जेवियर हाई स्कूल से शिक्षण कैरियर शुरू किया और जून 1976 में लोयला स्कूल जमशेदपुर के वाइस प्रिंसिपल बनाए गए। जमशेदपुर में ही उन्होंने लोयला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, एक्सएलआरआई, एक्सआईटीई में अपनी लंबी सेवाएं दी और फिर डीनोबिली स्कूल डिगावाडीह के प्रिंसिपल डायरेक्टर और एक्टर रहे। 2014 से वे अपनी सेवाएं बतौर प्रोफेसर एवं हॉस्टल प्रीफेक्ट के तौर पर एक्सआईटीई गम्हरिया को दे रहे थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी।
छोटानागपुर, पुरुलिया एवं धनबाद में कई विद्यालयों की स्थापना एवं उनको मान्यता दिलवाने में उनका महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उनके निधन पर प्रिंसिपल फादर पायस फर्नांडिस, फादर सिरिल फर्नांडेज, फादर सीएल जॉर्ज, फादर अगस्टिन, पूर्व प्रिंसिपल ललिता सरीन, पूर्व प्रिंसिपल विजय कार्था, प्रिंसिपल फादर मिस्किथ, फादर टोनी पी एंथोनी राज, फादर सेबेस्टियन, पूर्व वायकर जनरल फादर डेविड विंसेंट, प्रिंसिपल फ्रांसिस जोसेफ, नर्गिस मदन, लोयोला बी एड कॉलेज एलुमिनी एसोसिएशन के सुमन सरकार, कुलविंदर सिंह, सुचिंद्र बनर्जी, आदि ने शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
इनके अनुसार फादर हिलेरी लोबो का निधन शिक्षा जगत के लिए बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में बहुत ही मुश्किल है।