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दुमका उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षक की मौजूदगी में अंकिता का अंतिम संस्कार दादा ने मुखाग्नि दी

दुमका उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षक की मौजूदगी में अंकिता का अंतिम संस्कार दादा ने मुखाग्नि दी

सोमवार सुबह अंकिता का अंतिम संस्कार दुमका के बेदिया श्मशान घाट पर किया गया. उसके दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी और कड़ी सुरक्षा के बीच दाह संस्कार हुआ.
दुमकाः कड़ी चौकसी और प्रशासन की देखरेख में दुमका की बेटी अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. उसके दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी बेदिया श्मशान घाट पर डीसी, एसपी समेत भारी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अंकिता को अंतिम विदाई दी.अंकिता को इंसाफ पीड़ित परिवार को मुआवजा और आरोपी शाहरूख को फांसी की सजा देने की मांग लोगों द्वारा की जा रही है
दुमका में नगर थाना क्षेत्र के बेदिया श्मशान घाट पर कड़ी सुरक्षा के बीच दाह संस्कार किया गया. इसके पहले श्मशान घाट पर जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला,पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा समेत काफी संख्या में लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. अंकिता की अंतिम विदाई में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. यहां लोगों में आक्रोश है और वह अंकिता के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर विभिन्न संगठनों ने दुमका बंद का आहवान किया है, इसे देखते हुए शहर में भी सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है.
अंकिता दुमका की राजकीय कन्या प्लस टू विद्यालय की बारहवीं की छात्रा थी. उनके पिता संजीव सिंह एक बिस्किट व्यवसायी के यहां सेल्समैन का काम करते हैं. घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है. अंकिता के परिजनों का कहना है कि वह काफी प्रतिभाशाली लड़की थी और पढ़-लिखकर आईपीएस अफसर बनना चाहती थी. वह कहती थी कि मैं आईपीएस बनकर देश की सेवा करूंगी.
जिस पंचायत पुराना दुमका की अंकिता रहने वाली थी, पंचायत के मुखिया रविन्द्र बास्की का कहना है कि यह घटना काफी दुखद है और दोषी को जल्द से जल्द फांसी दी जाए. हजारीबाग से आए हिंदू संगठन के सदस्य अमन कुमार ने कहा कि अंकिता की मौत के दोषी को फांसी की सजा दी जाए और उसके परिजनों को पांच करोड़ रुपये का मुआवजा सरकार की ओर से दी जाए.