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डा रामेश्वर उरांव का पीएम पर तंज, कहा-अच्छे अभिनेता की भूमिका निभा सकते हैं मोदी

डा रामेश्वर उरांव का पीएम पर तंज, कहा-अच्छे अभिनेता की भूमिका निभा सकते हैं मोदी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसा है. गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई पर मोदी के छलके आंसू पर उन्होंने कहा कि यह एक अच्छे अभिनेता की भूमिका हो सकती है लेकिन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था इस तरह के छल-प्रपंच से नहीं चल सकती.

रांची: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून के खिलाफ देश भर में किसानों का आंदोलन चल रहा है और इसमें 175 किसानों की जान जा चुकी हैं, लेकिन किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री के आंखों में आंसू नहीं आए.
पीएम एक जमाने में कभी अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद को देखना नहीं चाहते थे और अब एक अच्छे कलाकार की तरह उनके लिए आंसू बहा रहे हैं. यह एक अच्छे अभिनेता की भूमिका हो सकती है. लेकिन, देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था इस तरह के छल-प्रपंच से नहीं चल सकती. रामेश्वर उरांव गुरुवार को दिल्ली से रांची लौटे. एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बातें कहीं.
रामेश्वर उरांव ने कहा कि तीन मार्च को बजट पेश होना है. पार्टी घोषणा पत्र और चुनावी वायदे के अनुरूप सरकार बजट में भी विभिन्न योजनाओं के लिए आवश्यक राशि का प्रावधान करेगी. इस संबंध में प्रभारी आरपीएन सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं का भी सुझाव मिले हैं. वायदे के मुताबिक गठबंधन सरकार ने पहले वर्ष में कृषि ऋण माफ करने के साथ ही कोरोना संक्रमण काल में खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य सुरक्षा, कृषि विकास और ग्रामीण विकास योजनाओं के माध्यम से हर जरूरतमंद परिवार को सहायता उपलब्ध कराने का काम किया है. अब चुनावी वायदे के अनुरूप अगले बजट में अन्य वायदे को भी पूरा करने के लिए कदम उठाया जाएगा.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि नए कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली दौरे के क्रम में पार्टी के आला नेताओं के साथ किसानों के हित में राज्य में चल रहे आंदोलन पर भी चर्चा हुई. पार्टी प्रभारी आरपीएन सिंह आगामी 20 फरवरी को हजारीबाग में आयोजित होने वाली किसान रैली में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा गुमला, खूंटी, चाईबासा और पलामू में भी किसान रैली का आयोजन किया जाएगा. सारे कार्यक्रमों की तैयारी की जिम्मेवारी कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को दी गई है.