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डॉक्टर ओ पी आनंद के समर्थन में, गिरफ्तारी के बाद उनके परिजनों से मिलकर जाना उनका हालचाल समाजसेवी चंदन यादव

मंत्री के बदले की कार्रवाई के तहत आदित्यपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं समाजसेवी, डॉक्टर ओ पी आनंद हुए गिरफ्तार”

समाज सेवा के क्षेत्र में जरूरतमंद, गरीब, बेसहारों, मजबूर लोगों की आवाज बन कर मानव सेवा के क्षेत्र में जमशेदपुर ही नहीं पूरे जिला के चर्चित समाजसेवी चंदन यादव आज सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर में स्थित ख्याति प्राप्त 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक सह एक योग्य चिकित्सक डॉक्टर ओ पी आनंद ,जो इन दिनों लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं विगत दिनों उनके द्वारा स्वास्थ्य मंत्री के बारे में षड्यंत्र के तहत नहीं चाहते हुए भी (उनके) लोगों के उकसावे में कुछ आपत्तिजनक बातें मीडिया के समक्ष उनके मुंह से अनायास निकल गई थी ,उन्हीं बातों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अपने आत्मसम्मान को सर्वोपरि मानते हुए परोक्ष रूप से सरकारी तंत्र का सहारा लेते हुए डॉक्टर ओ पी आनंद एवं उनके चिकित्सालय पर तरह-तरह के जांच गठित कर परेशान करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते हुए। बीते रात उनके आवास से उन्हें गिरफ्तार कर कई मनगढ़ंत आरोपों के तहत जेल भेज दिया गया। इस प्रकरण को समाजसेवी चंदन यादव तरहीज देते हुए डॉक्टर ओ पी आनंद के आवास जाकर परेशानी की इस घड़ी में उनके परिजनों से जाकर वस्तु स्थिति से अवगत होते हुए उनका मनोबल बढ़ाते हुए सांत्वना दिया साथ ही उन्होंने संकट की इस घड़ी में धैर्य से काम लेने की बात कही उन्होंने कहा आज उनका समाज उनके शुभचिंतक इस विषम परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं घबराने की बात नहीं है ।सच्चाई की हमेशा जीत होती है भले ही कुछ देरी होती है उन्होंने कहा सत्य की लड़ाई के लिए भगवान को भी जेल में रहना पड़ा था। चंदन यादव ने कहां कि जमशेदपुर की प्रबुद्ध जनता इस पूरे प्रकरण से जहां स्तब्ध है वहीं बदले की कार्रवाई से लोगों के बीच काफी आक्रोश है। इस पूरे प्रकरण से मंत्री एवं उनकी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और साफ छवि वाले लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार की छवि धूमिल हो रही है। श्री यादव ने मंत्री से आग्रह किया है कि जनता के जनमत का सम्मान करें उन्होंने आपको नेक कार्य करने के लिए चुना है नहीं कि डॉक्टर ओ पी आनंद जैसे कर्मठ समाजसेवी योग्य चिकित्सक को प्रताड़ित करने के लिए दिया है ,जबकि बीते दिनों डॉ ओ पी आनंद ने अपने द्वारा दिए गए और सम्मानजनक वक्तव्य के लिए सार्वजनिक रूप से मंत्री से माफी भी मांग लिया था ,्फिर उसके बाद इस तरह की कार्यवाही क्या सम्मानजनक है ? वहीं दूसरी ओर चंदन यादव ने मंत्री से आग्रह किया है उन्हें सरकार द्वारा जिस विभाग का दायित्व सौंपा गया है ।सबसे पहले अपने विभाग की कमियों को सुधारें जहां आज झारखंड की यही स्थिति है कि सरकारी अस्पतालों में जो व्यवस्थाएं हैं वह काफी सोचनीय एवं लचर है ।उनका पूरा ध्यान सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार पर वर्तमान कोरोना महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए जरूरी चिकित्सा प्रबंध पर ध्यान देना चाहिए नहीं कि व्यक्ति विशेष पर। आगे उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों में अनुबंध पर काम कर रहे चिकित्सकों एवं सहयोगी कर्मियों की भारी कमी है अस्पताल में जिन सुविधाओं का होना नितांत आवश्यक है उस की भारी कमी नजर आती है जहां नहीं तो पर्याप्त सुविधाएं हैं नहीं मरीजों की अच्छी तरह कोई सुध लेने वाला है स्थानीय एमजीएम अस्पताल उसका जीता जागता उदाहरण है जब मंत्री नहीं थे तब व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बड़ी-बड़ी बातें करते थे ।अब मंत्री बनने के बाद क्या उनको जनता को दिए गए वायदे याद दिलाने पड़ेंगे? सरकारी अस्पतालों में अनुबंध पर कार्यरत चिकित्सक, सहयोगी कर्मियों की बहुत सारी लंबित मांगे हैं नहीं तो समय पर उनका वेतन भुगतान होता है और नहीं कोरोना जैसी भयंकर बीमारी के दौरान पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध है मरीजों को आवश्यक दवाइयां खुद खरीदनी पड़ती है जरूरी जांच बाहर व्यवस्थित जांच घरों से करानी पड़ती है इतना ही नहीं सरकारी अस्पतालों में और क्या-क्या होता है मंत्री को अच्छी तरह संज्ञान में है परंतु अपनी कमी को नजरअंदाज करते हुए कुछ चुने हुए प्राइवेट अस्पतालों की जिनकी व्यवस्था चिकित्सा के मानदंडों पर अच्छी तरह संचालित होते हुए मरीजों की सेवाएं दे रहे हैं उनकी गलती नहीं होते हुए भी चुन-चुन कर गलतियां दर्शायी जा रही हैं उन्हें तरह-तरह से परेशान किए जा रहे हैं उसी का जीता जागता उदाहरण है आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल। समाजसेवी चंदन यादव ने झारखंड में अवस्थित उन तमाम मानवाधिकार से जुड़ी संस्थाओं से आग्रह किया है कि वह डॉक्टर ओ पी आनंद के प्रकरण की सच्चाई के तह तक जाएं और सच्चाई का पक्ष लेते हुए चिकित्सा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए विरोध में आवाज बुलंद करें।