झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

चुपके से रो जाता हूँ

चुपके से रो जाता हूँ
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ऑंखें तुमसे जब मिलतीं हैं, मैं खुद में खो जाता हूँ
तेरे दिल की तुम कहना पर, मैं तेरा हो जाता हूँ

तड़प तड़प के रहना पड़ता, तेरा मौन पुकारे जब
हाय! बेबसी यूँ दिल में कि, बस आँसू बो जाता हूँ

बिन बोले भी प्यार तुम्हारा, दिल में गहरा यूँ उतरा
चाहत मेरी तू मंजिल बन, मैं मंजिल को जाता हूँ

कैसी ये दुनियादारी जो, मिलके भी मिलना मुश्किल
आँखों आँखों में बतियाकर, चुपके से रो जाता हूँ

बहुत अधूरा सा लगता है, सुमन तुम्हारे बिन जीना
जहाँ बोझ सा अपना जीवन, हंस करके ढो जाता हूँ

श्यामल सुमन