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छत्तीसगढ़ बीजेपी की टीम बदली, क्या कांग्रेस में भी बदल सकते हैं चेहरे ?

छत्तीसगढ़ बीजेपी की टीम बदली, क्या कांग्रेस में भी बदल सकते हैं चेहरे ?

2023 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो गई है. बीजेपी ने संगठन में बदलाव कर कमान कस ली है इसके साथ ही अब कांग्रेस में भी बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं.
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 की जंग तेज हो चुकी है बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के रण में बिसात बिठाना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ बीजेपी की पूरी टीम बदल दी गई है. ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस भी छत्तीसगढ़ में बदलाव करेगी. क्या ऐसा हो सकता है इस मुद्दे पर झारखण्ड वाणी संवाददाता ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों से बात की है.
भाजपा ने एक के बाद एक प्रदेश में कई चेहरे बदल दिए हैं. जिसमें भाजपा प्रदेश प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष शामिल है बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भी अपनी नई टीम की घोषणा कर दी है. बीजेपी में हुए बदलाव पर राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि भाजपा में बदलाव की मुख्य वजह यह भी थी कि पिछले चुनाव में जो भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी का ऐसा मानना था कि इस हार में मुख्य वजह पार्टी के चेहरे थे.उसके बाद से बीजेपी में काफी निराशा थी. उस दौरान तत्कालीन व्यवस्था को देखते हुए नेताओं को जवाबदारी दी गई थी. लेकिन उसके बाद पार्टी सक्रिय नजर नहीं आ रही थी पार्टी में जोश और उत्साह की कमी देखने को मिल रही थी. कार्यकर्ता घर से बाहर नहीं निकल रहे थे. ऐसे में उनके मन की बात को तत्कालीन भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने अपने प्रवास के दौरान निकाला और कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उसके बाद अगले चुनाव की तैयारी को देखते हुए भाजपा में परिवर्तन हो रहा है. जिस तरह से हर राज्य में देखा जा रहा है कि नई पीढ़ी भाजपा की कमान संभाल रही है और उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी परिवर्तन किया जा रहा है
छत्तीसगढ़ बीजेपी में बदलाव के बाद अब कांग्रेस में भी परिवर्तन की बात शुरू हो गई है. हालांकि इसको लेकर अभी कांग्रेस पार्टी की ओर से कुछ नहीं कहा गया है. लेकिन आने वाले दिनों में पार्टी के अंदर चुनाव हो रहे हैं. उससे स्वभाविक है कि प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर कांग्रेस में बदलाव हो सकते हैं. इस बदलाव के दौरान देखना होगा कि पार्टी किस गुट के नेताओं को ज्यादा तवज्जो देती है और किसे कम. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में भूपेश और सिंहदेव के गुट की चर्चा है और भूपेश का गुट इस समय मजबूत माना जा रहा है. यही वजह है कि भूपेश के करीबियों को निगम मंडल आयोग में अच्छी जगह पर बैठाया गया है. जबकि सिंहदेव के करीबियों को कोई खास तवज्जो नहीं दी जा रही है.
कांग्रेस में होने वाले इस बदलाव को लेकर राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी है. हमारे देश में देखा गया कि जहा सत्तारूढ़ पार्टी जहां होती है. वहां संगठन चुनाव नहीं लड़ता बल्कि सरकार चुनाव लड़ती है और यही वजह है कि कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी में बहुत व्यापक बदलाव होंगे. यदि ऐसा होता है तो वह पार्टी के लिए खतरा है. जिस तरह से पार्टी पिछली बार एक होकर चुनाव लड़ी थी. इस समय चुनाव के दौरान की एकता पार्टी में आज दिखाई नहीं दे रही है. यदि इस बीच पार्टी में किसी तरह का परिवर्तन होता है तो अलग अलग गतिविधियां शुरू हो जाएगी. अपने धड़े के नेताओं को शामिल कराने की कोशिश करेंगे जिससे दरारें और चौड़ी होंगी. जिसका पार्टी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
शशांक शर्मा का मानना है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व सहित प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का यह प्रयास रहेगा कि “पार्टी में किसी तरह की कोई बदलाव नहीं हो जिस तरह से भाजपा में परिवर्तन हुआ है. आगे हो सकता है कि वर्तमान में जो संगठन तैयार किया गया उसी के साथ कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में लड़े. बहुत ज्यादा व्यापक स्तर पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में परिवर्तन की गुंजाइश कम है. हो सकता है चुनाव के पहले कुछ परिवर्तन देखने को मिले. हालांकि राजनीति के जानकार कहते हैं कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेस में आने वाले समय में कोई बड़ा बदलाव होगा. इसकी संभावना कम ही है. क्योंकि यदि कांग्रेस में बड़ा बदलाव किया गया तो उसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. जिस वजह से कांग्रेस को खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है.