झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

छिड़ा हुआ है युद्ध आजकल

छिड़ा हुआ है युद्ध आजकल
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समझे खुद को बुद्ध आजकल
पर भीतर से क्रुद्ध आजकल

चमक दमक से ये मत समझो
वही हृदय से शुद्ध आजकल

परिवारों तक में कहना मुश्किल
किसके, कौन विरुद्ध आजकल

सामाजिक मिल्लत के बदले
छिड़ा हुआ है युद्ध आजकल

राह प्रेम की सुमन निकालो
जो बिल्कुल अवरुद्ध आजकल

श्यामल सुमन