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चंम्पाई सोरेन ने राज्यपाल से मांगा मिलने का समय राजभवन ने शाम साढ़े पांच बजे का दिया समय

चंम्पाई सोरेन ने राज्यपाल से मांगा मिलने का समय राजभवन ने शाम साढ़े पांच बजे का दिया समय

चंम्पाई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा है. जिस पर राज्यपाल ने साढ़े पांच बजे का समय दिया है. बताया जा रहा है कि चंम्पाई सोरेन एक बार फिर राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे
रांची: हेमंत सोरेन के इस्तीफे और चंम्पाई सोरेन द्वारा राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने के बाद भी राज्यपाल का आमंत्रण नहीं मिलने पर झारखंड में कयासों का दौर जारी है. सरकार बनाने के दावे के साथ चंम्पाई सोरेन ने फिर एक बार पत्र लिखकर राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा है. जिसके बाद राजभवन से 5:30 बजे का समय मिला है. हालांकि चंम्पाई सोरेन ने साढ़े तीन बजे का समय मांगा था
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजभवन के लिए चंम्पाई सोरेन के साथ चार और विधायक साथ जाएंगे. इनमें महागठबंधन के सभी पार्टियों के विधायक प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक चंम्पाई सोरेन के साथ कांग्रेस से आलमगीर आलम और प्रदीप यादव, राजद से सत्यानंद भोक्ता साथ होंगे. वहीं माले विधायक विनोद सिंह के भी साथ जाने की खबर है. इस तरह कुल पांच नेता राजभवन जाएंगे
बता दें कि 81 विधायकों वाले झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 41 विधायकों का समर्थन चाहिए होता है. अभी मौजूदा स्थिति में झामुमो के पास 29 विधायक, बीजेपी के पास 26, कांग्रेस के पास 17, आजसू के पास तीन, आरजेडी के पास एक, माले का एक, एनसीपी का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. वहीं गांडेय सीट पर कोई विधायक नहीं है.
महागठबंधन के पास बहुमत: बहुमत के लिए जिस नंबर की जरूरत है, वह नंबर महागठबंधन के पास है. बहुमत के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है, इसमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और आरजेडी के 1 विधायकों के साथ महागठबंधन के विधायकों की संख्या 47 हो जाती है. वहीं माले के एकमात्र विधायक का भी समर्थन महागठबंधन के साथ है. ऐसे में महागठबंधन के पास कुल 48 विधायकों का समर्थन है. गांडेय सीट खाली होने के बाद भी यह आंकड़ा 47 पहुंचता है. ऐसे में महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए जो नंबर चाहिए वह उनके पास हैं
वहीं एनडीए की बात करें तो एनडीए के पास बीजेपी के 26, आजसू के तीन, एनसीपी का एक और दो निर्दलीय भी जोड़ लें, तब भी यह आंकड़ा 32 ही पहुंचता है. ऐसे में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए नौ विधायकों की जरूरत है. जिसे जुटा पाना अभी संभव नहीं लग रहा है