झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

बजट में किसान, गरीब, युवा और महिला पर विशेष फोकस : दीपेश निराला

बजट में किसान, गरीब, युवा और महिला पर विशेष फोकस : दीपेश निराला

समावेशी विकास के साथ 2047 तक विकसित भारत बनाने वाला बजट प्रस्तुत किया गया है : फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन

रांची – मोदी 2.0 सरकार ने आज के अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम अंतरिम बजट में सबसे पहले भाई-भतीजावाद को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया और पूरे बजट को गरीब, युवा, महिला और किसान केंद्रित करने पर फोकस किया है, जिसमें सभी वर्गों का समावेशी विकास सुनिश्चित किया गया है और इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा हो या स्वास्थ्य या ग्रामीण विकास एवं नगर विकास सभी क्षेत्रों में कुछ ना कुछ नए उपबंध किए गए हैं।
सौर ऊर्जा योजनाओं से छत पर सौर पैनल लगाने वाले प्रति परिवार को सालाना 15,000-18,000 रुपये की बचत और 1 करोड़ परिवारों को प्रति माह 300 यूनिट बिजली पूरी तरह से मुफ्त मिलने का बजटीय उपबंध काबिले तारीफ है साथ ही पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3 करोड़ घरों का लक्ष्य हासिल करने के करीब पहुंची सरकार और बढ़ती ज़रूरत के कारण 2 करोड़ और नए घरों की योजना* का बजट में उपबंध किया गया है आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना में आंगनबाड़ी योजना के तहत सेविका और सहायिका को शामिल करने का उपबंध हुआ है, साथ ही विकसित भारत के अंतर्गत सनराइज डोमेन के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ 1 लाख करोड़ का कोष स्थापित करने का प्रावधान एक स्वागत योग्य कदम है, तथा डीएफसी के तहत रेलवे कॉरिडोर-पोर्ट कनेक्टिविटी – 2 से अधिक कॉरिडोर स्थापित करवाना और डीएफसी के अलावा ऊर्जा, सीमेंट और खनिज के लिए 3 और रेल गलियारे जोड़े जाने का उपबंध हमारे रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, साथ ही 40,000 रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदले जाने का उपबंध किया गया है, सरकार मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग करके और अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बना रही है और इसके लिए जांच करने और आवश्यक सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जिसका अनुशंसा के आलोक में ही आगे का कार्य किए जाने का उपबंध किया गया है, इन नई घोषणाओं से स्पष्ट है कि सरकार समावेशी विकास के लिए अब कदम आगे बढ़ा रही है, ताकि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सके, और जिस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान – जय किसान का नारा दिया था, उसी को आगे बढ़ाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही *जय जवान – जय किसान* के साथ *जय विज्ञान* के नारे को जोड़ा और आज हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस *जय जवान – जय किसान – जय विज्ञान* के नारे में *जय अनुसंधान* को जोड़ा है और देश की तरक्की में इनोवेशन हेतु नए उपबंध किए हैं।