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“चाँद अमावस का” हुलास का एक साझा संग्रह

“चाँद अमावस का” हुलास का एक साझा संग्रह

जमशेदपुर- श्री कृष्ण सिन्हा संस्थान बिष्टुपुर जमशेदपुर मंचीय कवि / कवयित्रियों की संस्था *हुलास* का पहला साझा काव्य-संग्रह *चाँद अमावस का* का लोकार्पण हुआ। इस काव्य संकलन में शहर के ग्यारह वरिष्ठ एवं युवा कवियों की रचनाएँ संकलित हैं। श्यामल सुमन, डा० संध्या ‘सूफी’, डा० कल्याणी कबीर, डा० लता प्रियदर्शिनी, डा० उमा सिंह ‘किसलय’,जय प्रकाश पाँडेय, हरि किशन चावला ‘धनपत्त’, दीपक वर्मा ‘दीप’, विजय नारायण सिंह ‘बेरूका’, नवीन कुमार अग्रवाल और रचनाओं से सजी, इस काव्य संग्रह में परिवार, समाज, प्रेम, हालात, महंगाई, गरीबी, रिश्ते, अहसासों को शब्दों में काफी सुंदर ढंग से पिरोया गया है। कुछ कविताओं में आप ख़ुद को पायेंगें, तो कहीं साथ आप गुनगुनायेंगे। तो वहीं कुछ गज़लें सुकून देने वाली है।
मुखर होकर बोलती कलम और कलमकारों के शब्दों से सजी यह पुस्तक अब आप सबों के हैट है। हमेशा ही साहित्यकार समाज को दर्पण दिखाने का कार्य करते रहे हैं। लोक जीवन में जब जब अमावस जैसा अंधकार छाया है तब तब साहित्य चांद की तरह सामने आकर समाज को रौशन करने का काम भी किया है। इस लिहाज से इस पुस्तक का नाम *चाँद अमावस का* बहुत ही सार्थक है।
इस विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता हरिवल्लभ सिंह ‘आरसी’ ने की। डा० लक्ष्मण प्रसाद मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप डा० नेहा तिवारी थीं। इनके साथ मंच पर हुलास के संस्थापक अध्यक्ष हरि किशन चावला धनपत और वर्तमान अध्यक्ष श्यामल सुमन उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन शहर के प्रसिद्ध संचालक नवीन अग्रवाल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डाक्टर लता मानकर प्रियदर्शिनी ने किया। सभागार में शहर के तमाम साहित्यकार, सामान्य साहित्य प्रेमी, श्रोता और शहर सभी पत्रकार गण उपस्थित थे।
यह पुस्तक जिज्ञासा प्रकाशन, ग़ाज़ियाबाद, द्वारा प्रकाशित हुआ है यह पुस्तक “अमेज़ॉन इंडिया” पर उपलब्ध है आप सभी एक एक पुस्तक खरीद कर हम सबों को आशीष प्रदान करें।
उक्त जानकारी अजय मुस्कान मीडिया प्रभारी
हुलास जमशेदपुर ने दी है