झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

बनी अब गांधारी सरकार

बनी अब गांधारी सरकार

नहीं रैलियों में कोरोना!
भला कुंभ में फिर क्या होना?
कोरोना! तेरे रूप हजार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

कोरोना के नियम लगे हैं शहर, गांव हर कोने में।
मजदूरों का शुरू पलायन, इसी नियम को ढोने में।
मगर कुंभ या फिर चुनाव में लोग जुटे भरमार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

छिटपुट कर्फ्यू, तालाबंदी, जगह जगह पर जारी है।
बंद पढ़ाई और परीक्षा, आर्डर भी सरकारी है।
नियम सभी सरकारी लागू, सुविधा के अनुसार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

भले समर्थक सरकारों के, या विरोध में जो भी।
वक्त सोचने का आया है, मिलजुल सोचें वो भी।
न्यायपूर्ण हो दृष्टि सुमन की, करते रहें विचार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

श्यामल सुमन