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भोजपुरी समाज की धरोहर और लोक संस्कृति का पर्व है सतुआन सर्वधर्म भोजपुरी भाषियों ने सामूहिक रूप से सत्तू खाकर सतुआन मनाया

भोजपुरी समाज की धरोहर और लोक संस्कृति का पर्व है सतुआन सर्वधर्म भोजपुरी भाषियों ने सामूहिक रूप से सत्तू खाकर सतुआन मनाया

जमशेदपुर- भोजपुरिया समाज द्वारा इस वर्ष भी अपनी संस्कृति, परम्परा का पर्व ‘सतुआन’ बेहद सादगी के साथ भोजपुरी भवन गोलमुरी में मनाया गया। चना, मकई, जौ का सतु, आम ,धनियापति और पुदीना की चटनी,आचार,प्याज, मिर्चा एवं गुड़ इत्यादि खाकर अपनी पूर्वजों की ऐतिहासिक धरोहर की मर्यादा को कायम रखने का प्रयास किया गया सभी वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा-भोजपुरिया संस्कृति और संस्कार की मजबूत धरोहर है पर्व सतुआन आज के दिन हमारी संस्कृति से नया साल शुरू होता है और आज के दिन नया आम टिकोडा की चटनी खाने की परम्परा है जिसे ‘नेवानी’ भी कहते है। आज के दिन सभी लोग पुरे परिवार के साथ सत्तू खाते हैं इस पर्व को सतुआ सक्रांति भी कहा जाता है।आज से ही शुभ दिन लग्न शुरू भी होता है सभी भोजपुरी भाषियों ने आजीवन अपने संस्कृति की रक्षा करने हेतु संकल्प लिया।
सतुआन में मुख्य रूप से वरीय साहित्यकार अरविंद विद्रोही,सम्पूर्ण भोजपुरी विकास मंच के महामंत्री प्रदीप सिंह भोजपुरिया,यमुना तिवारी हर्षित,मसूद खान, बलविंदर सिंह, मुस्कान के अध्यक्ष शशि भूषण मिश्रा,महामंत्री विजेन्द्र कुमार,कौशलेश कुमार, लक्ष्मण प्रसाद,राजेश पाण्डेय, संजय प्रसाद, विजय किशोर चौबे, रमेश हंसमुख, बिमल कुमार बिमल,पी0 एन0 सिंह, सत्य नारायण सिंह, हरजिंदर पाल सिंह,ए0 प्रकाश राव इत्यादि भारी संख्या में सर्व धर्म भोजपुरी भाषी सतुआन पर्व में शामिल हुए।