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भोजपुरी भवन गोलमुरी में जनवादी लेखक संघ सिंहभूम द्वारा अपने पूर्व अध्यक्ष स्व नन्द कुमार उन्मन को स्मरण किया गया

आज भोजपुरी भवन गोलमुरी में जनवादी लेखक संघ सिंहभूम द्वारा अपने पूर्व अध्यक्ष स्व नन्द कुमार उन्मन को स्मरण किया गया एवम् कविताएँ पढी गई। इस अवसर पर गीतकार दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश ने उन्मन को आमजन का गीत शिल्पी कहा एवम कई संस्मरण साझा किये। नन्द कुमार के गीतों में सौन्दर्य बोध पर बोलते हुए कलमकारों ने उन्मन के गीतों के प्रकाशन को समय की मांग कहा। सचिव श्यामल सुमन ने बड़े भावुक स्वर में उन्मन के अभिभावक रूप एवम् नेतृत्व गुण को सामने रखा। अध्यक्ष अशोक शुशदर्शी ने गीतों में जनवादी तत्व से जोड़कर उन्मन को एक बडा स्वप्न द्रष्टा बताया। का. तापस चटराज ने साथी उन्मन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किये एवम् एक सामयिक कविता पढी। आलोक ने उन्मन जनवाद को आज की जरूरत कहा और नन्द कुमार उन्मन के विचारों पर चलने का आहवान किया।सुजय भट्टाचार्य ने सीने की आग को चिन्गारी मे तब्दील करने की बात रखी। रमेश हंसमुख ने आज से जुड़कर एक पैरोडी सुनाया। विमल किशोर ने लोक कथानक पर काव्य सुनाया। बिनोद बेगाना ने ग़ज़ल सुनाकर तालियां बटोरी। राजदेव सिन्हा ने चिर परिचित शैली में एक रचना पढी और अपनी परम्परा से जुड़े रहने का मार्ग दर्शन दिया। पांडेय प्रणव ने एक नज्म से व्यवस्था के सच को उकेरा।हरिहर राय चौहान ने अच्छी गजलें सुनाई। विजय यादव की कविता और विनम्रता ने आकर्षित किया। नवीन अग्रवाल की सहजता से भरे संवाद ने दूर तक यात्रा की। दूसरे सत्र में साथी भारत यायावर के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया एवम दो मिनट का मौन रखा गया। कार्यक्रम में मसूद खान, धनञ्जय , उदय हयात आदि ने भी उपस्थिति दर्ज की।