झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

भारत में जहां ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं रुल 1945 का नियम एक समान है , वही झारखंड में इस नियम के विरुद्ध झारखंड सरकार द्वारा एक नया फैसला लिया गया है

पूरे भारत में जहां ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं रुल 1945 का नियम एक समान है , वही झारखंड में इस नियम के विरुद्ध झारखंड सरकार द्वारा एक नया फैसला लिया गया है यह कैसी विडंबना है? झारखंड में  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार के द्वारा झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में हर पंचायत में ग्रामीण दवा दुकान खोलने के लिए लाइसेंस दिया जा रहा है  उसमें ड्रग लाइसेंस 20A/21A यानी (Restricted) प्रतिबंधित ड्रग लाइसेंस दिया जा रहा है जिसमें Schedule C,C1 & shedule X के अंतर्गत आने वाली दवाइयों को रखा जा सकता है और इसके लिए फार्मासिस्ट की आवश्यकता नहीं है  अब आप लोग सोचिए  क्या स्वास्थ्य विभाग और औषधि विभाग को नियम के बारे जानकारी नहीं है क्या ? झारखंड में अगर इस प्रकार से ग्रामीण दवा दुकान खोला जाएगा और अप्रशिक्षित लोगों द्वारा मरीजों को दवा दी जाएगी तो इसका हमारे जनमानस पर क्या प्रभाव पड़ेगा मरीजों को कुछ नुकसान होगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? झारखंड सरकार की तरफ से कई सालों से पूरे झारखंड में कई फार्मेसी कॉलेज खुल गए हैं फार्मेसी की पढ़ाई के लिए! झारखंड में बेरोजगार फार्मासिस्टओं की संख्या पहले से ही बहुत है और अभी काफी संख्या में बढ़ने वाली है  झारखंड सरकार द्वारा अप्रशिक्षित लोगों से दवा विक्रय किए जाने के फैसले के विरोध में अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन प्रदेश कमेटी के तरफ से झारखंड सरकार के गलत नीति के विरोध में पूरे झारखंड में जोरदार विरोध किया जा रहा है और कल शाम  झारखंड के सभी जिलों में अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री का पुतला दहन भी किया जाएगा और आगे हो सके तो संगठन हाईकोर्ट तक इस मुद्दे को ले जायेगी।