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बीहड़ के गांवों तक पहुंचेगी सरकारी योजनाएं, कोल्हान आयुक्त ने की समीक्षा बैठक

चाईबासा के सारंडा के चालीस गांवों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं. सारंडा क्षेत्र के चालीस गांव का एक सप्ताह के भीतर सर्वे किया जाएगा.

चाईबासा: जिले के सारंडा के बीहड़ स्थित रांगरिंग और नुइयागढ़ा गांव के ग्रामीणों की स्थिति से रूबरू होने के बाद जिला प्रशासन सरकार की सभी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने को लेकर मैराथन बैठक कर रही है.
इसी क्रम में सारंडा के चालीस गांवों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त सिंहभूम (कोल्हान) डॉ मनीष रंजन की अध्यक्षता में सारंडा एक्शन प्लान बैठक कर तैयार किया गया.
इस दौरान सारंडा के सभी चालीस गांव का सर्वे कार्य एक सप्ताह के भीतर शुरू करने का निर्णय लिया गया, जिसमें मुख्य रूप से पुलिस उपमहानिरीक्षक कोल्हान क्षेत्र राजीव रंजन सिंह, जिला उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा इंद्रजीत महाथा, वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार सारंडा वन प्रमंडल, सेल किरीबुरू मेघाहातुबुरु के पदाधिकारियों के अलावा अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.
बैठक के उपरांत प्रमंडलीय आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि सारंडा क्षेत्र में सरकार द्वारा विकास का कार्य किया जा रहा है. इसमें प्रशासन बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रहा है तथा विकासात्मक योजना का लाभ सारंडा क्षेत्र में एक- एक व्यक्ति तक कैसे पहुंचे इस पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है.
बैठक में निर्देश दिया गया कि सारंडा क्षेत्र के चालीस गांव का एक सप्ताह के भीतर सर्वे किया जाएगा कि उनमें कितने घर हैं, कितने परिवार रहते हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि उन्हें कौन-कौन सी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं और कौन-कौन से सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती हैं.
उन्होंने बताया कि सर्वे के पश्चात उन्हें राशन मुहैया कराया जाएगा. राशन के लिए जिनका पीडीएस डीलर दूर है, उस जगह पर स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाओं को राशन वितरण के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि राशन लेने के लिए लोगों को बहुत दूर तक जाना नहीं पड़े. सारंडा के बच्चों के दो जगहों पर होंगे रेजिडेंशियल स्कूल- अप्रयुक्त बिल्डिंग जिसका प्रयोग काफी समय से नहीं किया जा रहा है.
उसके लिए निर्णय लिया गया कि अप्रयुक्त बिल्डिंग मे दो जगहों पर रेजिडेंशियल स्कूल एक लड़कों और एक लड़कियों के लिए निर्माण किया जाएगा. ताकि बच्चों को पढ़ने के लिए दूर नहीं जाना पड़े और वहीं पर भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके.
बागवानी के मद्देनजर निर्णय लिया गया कि लगभग 20,000 फलदार वृक्षारोपण कर उसे घेराबंदी किया जाएगा. ताकि लगभग दो-तीन वर्षों में वहां के लोग उन फलों को बेचकर आमदनी कमा कर जीविकोपार्जन कर सकते हैं.
बैठक में योजना बनाई गई कि जो भी युवक डिफेंस लाइन में जाने हेतु उत्सुक है. उन्हें सीआईएसएफ और सीआरपीएफ के द्वारा एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा तत्पश्चात वह अपनी इच्छा अनुसार आर्मी या पुलिस लाइन में जाकर रोजगार कमा सकते हैं. पेयजल और सड़क को लेकर लाया गया प्रस्ताव- सारंडा के गांवों में पेयजल की व्यवस्था कैसे किया जाए इस संबंध में पेयजल और स्वच्छता विभाग के द्वारा आज एक प्रस्ताव लाया गया है, जिसे वहां जिले के माध्यम से लागू किया जाएगा.
पिछले सप्ताह सड़क और वन विभाग के द्वारा एक सर्वे किया गया था जिसमें देखा गया कि गांव में जाने के लिए कोई भी सड़क उपलब्ध नहीं है.
इसलिए सड़क निर्माण के लिए बैठक में प्रस्ताव रखा गया. बैठक में सेल महाप्रबंधक के द्वारा छात्र छात्राओं के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल, एएनएम, जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु बनाई जा रही योजना से अवगत कराया गया.
स्वास्थ्य के मद्देनजर निर्णय लिया गया कि वहां के लोगों को आयुष्मान भारत के तहत शत-प्रतिशत इलाज उपलब्ध कराया जाएगा जिसको अगले तीन सप्ताह के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा साथ ही साथ चार स्थानों पर कम्युनिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए सेल के अधिकारियों के द्वारा आश्वासन दिया गया जिससे गांव वालों को इलाज के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा
आयुक्त ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के विचार और निर्देश को गांव तक कैसे पहुंचाया जा सके और लोगों की जिंदगी और जीवन स्तर को कैसे ऊपर उठाया जा सके इस हेतु 15 दिनों के भीतर लगातार समीक्षा की जाएगी