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बारीडीह में रंगरेटों ने अमरजीत के खिलाफ मोर्चा खोला सेंट्रल में आवेदन देकर पदमुक्त करने का आग्रह

बारीडीह में रंगरेटों ने अमरजीत के खिलाफ मोर्चा खोला
सेंट्रल में आवेदन देकर पदमुक्त करने का आग्रह

जमशेदपुर। बारीडीह इलाके के रंगरेटें सिखों ने पूर्व प्रधान अमरजीत सिंह भामरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कोल्हान के सिखों की अभिभावक संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह एवं महासचिव सरदार अमरजीत सिंह को लिखित आवेदन देकर पूर्व प्रधान अमरजीत सिंह भामरा को सभी पदों से मुक्त करने का आग्रह किया है।
हरजिंदर सिंह रिंकू, अमृत सिंह, कुलदीप सिंह, जसवंत सिंह गिल सरीखों के साथ जोगिंदर सिंह एवं निर्मल सिंह ने भी उनकी मांगों का समर्थन किया है।
इस समूह ने प्रधान कुलविंदर सिंह को भी निशाने पर लिया है कि वह अमरजीत सिंह को कुछ ज्यादा ही बढ़ावा दे रहे थे। वहीं सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक स्वजातीय सिख नेता भी इनके निशाने पर हैं जो अमरजीत सिंह भामरा की पीठ लगातार थपथपा रहे हैं। सेंट्रल कमेटी के संविधान के प्रावधान के अनुसार गुरु घर का देनदार किसी पद पर नहीं रह सकता है और ऐसे में अमरजीत सिंह भामरा को पद मुक्त किया जाना चाहिए। बताया गया है कि अमरजीत सिंह भामरा 2011 से 2017 तक श्री गुरु नानक सभा गुरुद्वारा साहिब बारीडीह प्रबंधक कमेटी के प्रधान रहे और उन्होंने पूरा हिसाब अगले प्रधान जसपाल सिंह को नहीं दिया था। जसपाल सिंह ने उन्हें हिसाब देने के लिए पत्र लिखे, रिमाइंडर भेजें और नोटिस बोर्ड पर भी इसका उल्लेख हुआ। लेकिन अमरजीत सिंह भामरा ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
जसपाल सिंह के कार्यकाल में उनके घर का मासिक चंदा भी बंद कर दिया गया था। यहां रंगरेटों ने सवाल उठाया है कि जब वह गुरु घर का देनदार है तो किसी पद पर क्यों है? फिर बारीडीह गुरुद्वारा में गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के लिए बनाई गई 6 सदस्य समिति में भी उसे रखा गया था। पंथ एवं कौम के हित के लिए ऐसे लोगों के कमेटी में रहने से गलत संदेश जाता है। उन्हें सेंट्रल कमेटी के पद से तथा ट्यूब बारीडीह गुरुद्वारा के 6 सदस्य समिति से हटा दिया जाना चाहिए।