बंद सभी दरवाजा साहिब
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खुद से घोषित ख्वाजा साहिब
जन भुगते खमियाजा साहिब
जन ही ताकत लोकतंत्र में
भरम तुझे, हम राजा साहिब
भेद-भाव, गोली, गाली, के
व्यर्थ बजाते बाजा साहिब
खूब उड़े, जब प्यार मिला तो
अब तो नीचे आ जा साहिब
दूर जा रहे लोग आपसे
क्या इसका अंदाजा साहिब
चाल ढाल को झट बदलें या
बंद सभी दरवाजा साहिब
सब नारे अब लगे पुराने
गढ़ो सुमन कुछ ताजा साहिब
श्यामल सुमन
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