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अर्णव चैटगेट पर सरकार के खिलाफ कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार हमलावर अंदाज में कहा कि यह राष्ट्रद्रोह का मामला बनता है दोषियों को सजा मिलनी चाहिए :अजय कुमार

अर्णव चैटगेट पर सरकार के खिलाफ कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार हमलावर अंदाज में कहा कि यह राष्ट्रद्रोह का मामला बनता है दोषियों को सजा मिलनी चाहिए :अजय कुमार

जमशेदपुर: आज तिलक पुस्तकालय विष्टुपुर में राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस
डॉ अजय कुमार ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हमारे भारत के इतिहास में जर्नलिस्टों के लिए एक शर्मनाक घटना है। इतनी कठिनाई से हम लोग अंग्रेजी हुकूमत से बाहर हुए और भारत को स्वतंत्रता मिली वहीं भारत के हित में कुछ सिद्धांत और कुछ कानून बनाए गए उसमें से एक बहुत जरुरी कानून बनाया गया वह है गोपनीय शाखा एक्ट जब भी भारत में लड़ाई का निर्णय लेना पड़ता हैं गोपनीय शाखा का सहारा लेकर अपने देश की रक्षा के लिए कुछ काम करना पड़ता है उसमें प्रमुख चार लोग ही रहते हैं चार मंत्री रहते हैं जो गोपनीय की बात कहते हैं इसमें शामिल एनएसए नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जो अर्नब गोस्वामी ने किया, वह केवल देश के लिए नहीं वह पूरे जर्नलिज्म के लिए एक शर्मनाक घटना है। इतने वर्षों में किसी जर्नलिस्ट ने किसी संस्था ने इस तरह का देशद्रोही एक्ट के बारे में उल्लंघन नहीं किया है ऐसी घटना इस देश में नहीं हुई थी। जब कि दो- तीन युद्ध भी देखे अलग-अलग पार्टी की सरकारें भी देखी उसमें भी इस तरह की बात गोपनीय शाखा की बातों को बाहर करने की कभी भी प्रयास नहीं किया गया है जब कि रक्षा मंत्री रहते हुए वह विशेष कर बालाकोट और पुलवामा घटना पर  खुशियां मना रहे थे जबकि देश के चालीस जवानों की मौत हो गई थी इस दुख की घड़ी में दुख मनाने के बदले कई लोग फोन पर बात कर रहे थे कि हमारे देश का भी भला हो जाएगा कैसा भला हो जाएगा और कौन भला करेगा, यह भी संभाषण है उसमें तो यह एंटनी ने जो कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए व्यक्तिगत गोपनीय शाखा देशद्रोह एक्ट का उल्लघंन और गोपनीयता की बातों को उजागर कर दिया गया है यह हमारे देश के लिए और अगली आने वाली सरकारों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण बातें हैं जो कि संसद में इसको उठाएंगे, लेकिन सरकार ने जो इस पर गोपनीय राष्ट्र द्रोह एक्ट के बारे में जो करना चाहिए वह अभी तक नहीं किया गया है और यह सभी कहीं मुंबई के रिकार्ड में गुप्त बातों का उजागर किया जा रहा है और कई मायनों में कई रिकार्ड का उजागर किया जा रहा है डॉ अजय कुमार ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इतना सब होने के बाद भी तुरंत वह इसकी जांच करें और देश को बताएं कि किस तरह का काम किया है। लेकिन हम तो चाहते हैं कि जो दोषी है उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए
डॉ अजय कुमार ने कहा कि जो न्यायिक व्यवस्था है उसके संदर्भ में जो कुछ सामने आया है उस पर कुछ शब्द बोलना चाहूंगा कि आप सब भली भांति जानते हैं कि न्यायपालिका का क्या महत्व है हमारे सरकार में, हमारे संविधान और हमारी व्यवस्था में और हम सभी लोग इस देश में, जहाँ एक तरफ संसद पर निर्भर हैं संसद पर अपना विश्वास रखते हैं। दूसरी तरफ न्यायपालिका पर हमारा विश्वास है कि जहाँ कभी कोई ऐसी बात उठती है, जिस पर हम समझते हैं कि हमें कष्ट है, खेद है, तो हम न्यायपालिका के सामने ले जाया करते हैं, हमें विश्वास है कि न्यायपालिका में समय-समय पर बहुत सारी बातें उठती हैं, अफवाहें उठती हैं, लेकिन हमेशा हमारा यह मत रहा है कि न्यायपालिका में अगर विश्वास खो दिया हमने तो फिर कुछ बचेगा ही नहीं संविधान की सुरक्षा न्यायपालिका से होती है और हम न्यायपालिका का आदर करते हैं हम सम्मान करते हैं और पूरा विश्वास न्यायपालिका में रखते हैं
इसी संदर्भ में यह कहते हुए बड़ा कष्ट हो रहा है बड़ा खेद और दर्द है कि ऐसी गैर जिम्मेदाराना बात हुई है, जहाँ पर न्यायपालिका में जो कुछ चल रहा है और जो कोई मुकदमे चल रहे हैं जिसमें यह सभी लोग संबंधित हैं, उसके बारे में जो टिप्पणियां आयी हैं, वह टिप्पणी बहुत ही कष्टदायक है और इसलिए कुछ प्रश्न उठते हैं और वह प्रश्न यह है कि
जो बात हुई है, उससे यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका पर दबाव डालने का प्रयास या उन पर दबाव और दिग्भ्रमित डालने का प्रयास किया गया है, जो पूर्णतया गैरकानूनी है और इस गैरकानूनी प्रयास से कोई गलत निर्णय न्यायपालिका के द्वारा लेने में वे लोग सफल रहे या कामयाब रहे? यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है
डॉ अजय कुमार यह कहते हैं कि मैं 18 घंटे काम करता हूं। आप समझ रहे होंगे कि कौन कहता है। क्या काम करते हैं, यह इन चैट से मालूम पड़ जाता है कि यह प्रधानमंत्री हैं, और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं। उनके पास इतना समय है कि अर्नब गोस्वामी, बार्क, टीआरएआई, यह सारे मुद्दे उनके दरवाजे पर ले जाते हैं। जरा सी मुसीबत आयी, राइवल चैनल से, पहुंच गए प्रधानमंत्री का नाम लेने। यह प्रधानमंत्री का नाम लेने की जुर्रत एक बिजनेसमैन, एक लॉबिस्ट माफ कीजिएगा, को कैसे आ जाती है?
तुम मुझे फर्जी टीआरपी करने दो, मैं आपको फर्जी पब्लिक अपोनियन बना कर दूंगा। क्या था क्विड प्रो को (Quid pro quo), यह हो क्या रहा था? गृहमंत्री तो अब बने लेकिन इससे पहले 2019 तक अमित शाह का नाम इस देश के सबसे second most important man called अमित शाह और उनके जो चैट्स आए हैं, अर्नब गोस्वामी और पार्थो दास गुप्ता और अमित शाह के विषय में, चौंका देने वाली हैं पार्टी के अध्यक्ष हैं आपका क्या हक बनता है कि टीआरएआई, जो कि एक अटॉनोमस एजेंसी है, उसकी गतिविधियों में आप हस्तक्षेप कर रहे हैं, उसको इन्फ्लुएंस कर रहे हैं, उस पर दबाव डाल रहे हैं क्योंकि अर्नब गोस्वामी चाहता है आप उस पर दवाब डालें। यह किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का काम है? पार्था दास गुप्ता को मिलवाने ले जाया रहा है अमित शाह से, क्यों साहब, क्या बात हुई वहाँ? आप अपने राइवल को फिक्स कर रहे हैं। अलग-अलग चैनल के बारे में जिक्र है कि उनको फिक्स करिए। पार्थ को टीआरएआई को फिक्स करिए, उस पर दबाव डालिए डॉ अजय कुमार ने कहा कि अधिवक्ता के सलाह पर कानूनी प्रक्रिया के तहत अर्णव गोस्वामी और अन्य पर जमशेदपुर न्ययालय में राष्ट्र द्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाएगा