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अन्तरराष्ट्रीय मैथिली परिषद की मिथिला पत्रकार मंच के द्वारा ग्यारहवां विनय तरूण युवा पत्रकारिता पुरस्कार दरभंगा के सृजन मिथिला परिसर में एक हाईब्रिड समारोह में संपन्न हुआ

अन्तरराष्ट्रीय मैथिली परिषद की मिथिला पत्रकार मंच के द्वारा ग्यारहवां विनय तरूण युवा पत्रकारिता पुरस्कार दरभंगा के सृजन मिथिला परिसर में एक हाईब्रिड समारोह में संपन्न हुआ यानी बाहर से बेविनार के द्वारा भी वक्ता बोले और दरभंगा में यह समारोह शारीरिक उपस्थिति में हुआ।
युवा प्रखर पत्रकार राघव झा को यह पुरस्कार दिया गया जो राष्ट्रीय सहारा दरभंगा में कार्यरत है और पत्रकारिता पर अपनी पीएचडी थीसिस जमा करने वाले हैं। स्वर्गीय विनय तरूण हिन्दूस्तान भागलपुर में थे जिनके वरीय मित्र पुष्यमित्र ने कहा कि विनय तरूण ईमानदार और सिद्धांतवादी तो था ही उसने २००८ की कुशहा त्रासदी में मधेपुरा तक जाकर काम किया था, हर दिन सुबह जाकर शाम में भागलपुर आकर प्रेस में काम करना दो घंटा मुश्किल से सोना।
पटना पुस्तक मेला के संस्थापक एन के झा ने कहा कि उनके गांव पूर्णिया में भी युवा पत्रकार विनय तरुण के काम की गूंज थी।
मिथिला पत्रकार मंच के अध्यक्ष डा अमलेन्दू शेखर पाठक ने कहा कि पत्रकारों को चोरी- डकैती के समाचार के ऊपर साहित्यिक समाचारों की प्रधानता देनी चाहिए।
प्रयागराज विश्वविद्यालय से अतिथि विधूका़न्त मिश्र ने आशा प्रगट की कि पत्रकारिता को विनय तरूण जैसे नायक मिलते रहेंगे ताकि मिथिला- मैथिली का विकास हो सके
सृजन मिथिला के निदेशक राजेश कुमार चौधरी ने शाल- चादर- मेडल से पुरस्कृत राघव झा को सम्मानित किया और प्रमाणपत्रादि दिया।
संचालन राजीव कुमार ने किया।
अध्यक्ष डा धनाकर ठाकुर ने कहा कि विनय तरूण भारतीय पत्रकारिता के शीर्ष पर पहुंचता पर नियति को उसकी अकाल मृत्यु द्वारा अनेक युवक पत्रकारों से वह काम करवाना है। उन्होंने विनय तरूण के भुज भूकम्प २००१ के सेवा कार्य के बारे में बताया।
कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यापति के जय जय भैरवी से और समापन नागार्जुन यात्री के भगवान हमर मिथिला के गान से हुआ।