रांची – आज अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद झारखंड प्रदेश के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक वेविनार का आयोजन किया गया जिसमें झारखंड सहित देश के अन्य भागों से जाने माने विद्वान, शिक्षाविद और समाजसेवीयों ने हिस्सा लिया और नारी के अधिकार, स्वतंत्रता सशक्तिकरण एवं कर्तव्यों जैसे विषयों पर अपने विचार रखे
कार्यक्रम की शुरुआत माँ भैरवी के गीत से की गई। झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अमर नाथ झा ने वेविनार में जुड़े सभी सदस्यों अतिथियों विशेषकर वक्ताओं का स्वागत किया । मुख्य वक्ता के रूप में आभा झा ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज हम जिस पश्चिमी सभ्यता और आचरण को अपनाने की होड़ में है उन्नीसवीं शताब्दी में उसी पश्चिमी देशों में महिलाओं को समान वेतन, समान अधिकार , मताधिकार नहीं था। उन महिलाओं के विरोध और संघर्ष की उपज ही कालांतर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में प्रचलित हुआ। जबकि भारत देश में महिलाओं को आदि काल से विभिन्न क्षेत्रों में सदैव विशिष्ट स्थान एवं सम्मान दिया गया है । माँ जानकी, गार्गी, मैत्री, भारती, भामती, लक्ष्मीबाई आदि इस के उदाहरण हैं विशिष्ट वक्ता के रूप में वरिष्ठ शिक्षाविद सरस्वती मिश्रा ने परिवार के अंदर महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण पर जोर देने की बात कही। संस्था के संस्थापक धनाकर ठाकुर ने महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने पर बल दिया
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पुष्पा रानी ( मधुबनी), प्रमोद कुमार झा (मधुबनी), अजय झा (रांची), सनत झा (रांची) रतन झा (दरभंगा), विंदु कांत मिश्र (प्रयागराज), कल्याणी झा कनक(रांची), शैलेन्द्र झा (मुम्बई), पूनम झा(आसनसोल) प्रतिभा झा (रांची), कुमकुम झा एवं प्रज्ञा पुष्प ने अपने अपने विचार रखे।
लगभग साढ़े तीन घंटे चले इस कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदेश सचिव पंकज झा द्वारा किया गया और महासचिव अजय झा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का समापन कविवर यात्री के कविता गायन से हुआ।
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